मोदी जी को हराइए…उनकी हार में ही देश की जीत है…

कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी. सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़माँ हमारा…और ये 5 साल के शासन के बाद हमें पाकिस्तान का भय दिखा कर वोट मांग रहे है. उस पाकिस्तान का भय, जो हमसे 4 युद्ध बुरी तरह हार चुका है. जो एक फेल्ड स्टेट बन चुका है. उस पाकिस्तान का डर ये हमें दिखाते है. सोचिए, अगले 5 साल ये क्या करेंगे? इसलिए, मोदी जी को हराइए.

ये हमें परोक्ष रूप से मुसलमानों का डर दिखाते है. उस मुसलमान से, जिसने 600 साल से अधिक समय तक हिन्दुस्तान पर राज किया, लेकिन हिन्दुस्तान को मुस्लिम राष्ट्र नहीं बना सके. उस मुसलमान का डर दिखा कर हमसे वोट मांग रहे है, जो आज पंक्चर और मुर्गे की दुकान न हो, तो भूखा मर जाए. सोचिए, ऐसे पीएम फिर से सत्ता में आ गए तो अगले 5 साल और क्या करेंगे? इसलिए, मोदी जी को हराइए.

मोदी जी ने जिस नोटबन्दी को आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ सबसे बडा सर्जिकल स्ट्राइक बताया था, वो बुरी तरह फेल हुआ. न आतंकवाद खत्म हुआ न नक्सलवाद. अपनी असफलता का हर ठीकरा कांग्रेस के सिर पर फोडने वाले मोदी जी को हराइए, वर्ना अगले 5 साल में ये देश का क्या हाल करेंगे, इसका अन्दाजा लगाना भी मुश्किल है.

पूंजीवाद के सबसे बडे सेफ्टी वॉल्व, ट्रिकल डाउन थ्योरी, को इन्होंने नोटबन्दी और जीएसटी से बर्बाद कर दिया. अब पूंजीपतियों के घडे से धनरूपी पानी भी नहीं चूं रहा, जिसे चाट कर आम आदमी अपनी प्यास बुझा सके. मैं छोटे और मझोले उद्योगपतियों की बात कर रहा हूं. अकेले नोटबन्दी के कारण लाखों नौकरियां खत्म हुई. लोगों की आमदनी घटी. अर्थशास्त्र के ऐसे जानकार पीएम अगर दुबारा सत्ता में आते है तो सोचिए, देश का क्या होगा? इसलिए भी मोदी जी को हराइए.

7 लाख केन्द्र सरकार की असैन्य नौकरी समेत देश भर में तकरीबन 25 लाख सरकारी नौकरियों (राज्यों के) के पद रिक्त है. ध्यान रहे, अधिकांश राज्यों में भाजपा की सरकारे है. और 30 लाख से अधिक पद रिक्त है, लेकिन इस सरकार ने किसी को इन पदों पर नौकरी नहीं दी. प्राइवेट नौकरिओयों में भी श्रम कानूनों को इतना कमजोर बनाय अकि आज कर्मचारी गदहा बन कर रह गया है. न कोई जॉब सिक्योरिटी, न आगे बढने की असीमित संभावना. ऐसे पीएम को क्या आप दुबारा सता में आने देना चाहेंगे? बिल्कुल नहीं. इसलिए भी मोदी जी को हराइए.

जिस गाय के नाम पर ये हमसे वोट मांग रहे है, इन्हीं के शासन में भारत बीफ का सबसे बडा एक्सपोर्टर बन गया. देश में श्वेत क्रांति लाने की जगह इनकी सरकार में मॉब लिंचिंग की क्रांति आ गई. गाय जहां देश के बेरोजगार युवाओं के लिए आजीविका का साधन बन सकती थी, उसकी जगह इनकी सरकार और पार्टी की राजनीति ने युवाओं को गो पालक की जगह फर्जी गो रक्षक या कहे कि गाय के नाम पर गुन्दा और हत्यारा बना दिया. क्या आप चाहेंगे कि आपका बच्चा भी अगले 2-3 सालों में जब युवा हो तब वो एक बेहतर इंजीनियर या डॉक्टर बननेकी जगह गो रक्षक बने. अगर नहीं, तो आप मोदी जी को हराइए.

बीएसएनएल, रेलवे, एचएएल, इंडिया पोस्ट समेत सभी सरकारी विभागों के उन कर्मचारियों से एक सवाल कि आप अपने दिल पर हाथ रख कर बोलिए कि इस सरकार ने पिछले 5 साल में आपके विव्भाग का कबाडा किया या नहीं. आपकी नौकरी खतरे में डाली या नहीं. आपको अपने पेंशन का टेंशन दिया या नहीं. अगर जवाब सकरात्मक है तो आप मोदी जी को हराइए. वर्ना अगले 5 साल में ये आपकी आजीविका के साथ क्या करेंगे, आपको अन्दाजा तक नहीं.

मेक इन इंडिया के तहत आपके बच्चे को नौकरी मिल गई हो, मुद्रा लोन के तहत आपका बच्चा सेट हो गया हो, आपके बच्चे को किसी बेहतर इंजीनियरिंग मेडिकल कॉलेज में मुफ्त शिक्षा मिल रही हो, तो जरूर फिर से मोदी जी को लाइए. अन्यथा उन्हें हराइए. वर्ना, आप क्या आपकी आने वाली पीढी भी स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए अपने जीवन भर की कमाई लुटाता रहेगा और सरकारें आपको ठेंगा दिखाती रहेंगी.

देश के करोडों किसान ईमानदारी से बता दे कि साल के 6 हजार मिलने से आपकी आमदनी दोगुनी हो जाएगी या इतने पैसे से आपका जीवन संभल जाएगा. यदि हां तो लाइए फिर मसे मोदी जीको जीता कर. अन्यथा, अगर आपको लगता है कि ये पैसा सीधे-सीधे वोट खरीदने के लिए रिश्वत के तौर पर दी जा रही है और इस पैसे से आपकी कृषि व्यवस्था पर कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं पडने वाला है तो हराइए मोदी जी को. अन्यथा, अभी तो किसान से एक मल्टीनेशनल कंपनीज ने लेज आलू उगाने के लिए करोडों रुपये का हर्जाना मांगा है, ये सरकार फिर से आई तो आपकी अपनी जमीन भी अडानी-अंबानी के हाथों गिरवी रखवा देंगे. इस वजह से भी आपको मोदी जी को हराना चाहिए.

देश के युवाओं को लगता है कि उन्हें मोदी जी के शासनकाल में बेहतर शिक्षा,बेहतर नौकरी मिली है या करियर विकास के लिए संभावनाओं का द्वार खुलता नजर आ रहा है, तो उन्हें फिर से वोट दीजिए. लेकिन, उससे पहले ये जांच लीजिए कि क्या इस सरकार ने युवाओं के लिए यूनिवर्सिटीज की संख्या, सीटों की संख्या बढाई, नौकरियों की संख्या बढाई. अगर जवाब न में है तो निश्चित तौर पर मोदी जी को हराइए.

और हां, वोट करते समय ये बिल्कुल भी न सोचे कि मोदी नहीं तो कौन? ये दुनिया विकल्पहीन नहीं होती. और ये भी कि भारत जैसे देश को कोई अकेला पीएम चला ले, ये अभी तक नहीं हुआ है. ये देश सदिओं से चलता आ रहा है, चल रहा है, चलता रहेगा. हां, बीच-बीच में कुछ लोगों ने अपने अहमकपने में इस देश को थोडा पीछे जरूर धकेल दिया. फिर भी ये देश अपने और अपने लोगों के बूते आगे बढता रहा है और बढता रहेगा.

इस बीच, मोदी और इन्दिरा जैसे कितने पीएम आते-जाते रहेंगे. लेकिन, हमें किसी को ये गुमान नहीं होने देना है कि वो है तो देश है. नहीं. हम है, तो देश है. इस बार, इस गुमान को परास्त करने के लिए भी मोदी जी को हराइए…

शशि शेखर

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