बीबीएयू प्रकरणः निष्कासित छात्रों ने अनुसूचित जाति आयोग से लगाई गुहार

बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ से आठ दलित छात्रों को निष्कासित कर दिया गया है. इन छात्रों को 8 सितंबर को निष्कासित किया गया. जबकि इन छात्रों ने अपने साथ विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर द्वारा किए गए उत्पीड़न और मारपीट में एक दिन पहले ही 7 सितंबर को न्याय की गुहार लगाई थी.

अपने द्वारा हो रहे भेदभाव के खिलाफ छात्रों ने अनुसूचित जाति आयोग को पत्र लिखकर इंसाफ की मांग की है. छात्रों ने आयोग को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराते हुए कहा है कि उन्हें इंसाफ दिलाया जाए. पीड़ित छात्रों ने अनुसूचित जाति आयोग के अलावा मानवाधिकार आयोग, यूजीसी चेयरमैन, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय सहित मानव संसाधन विकास मंत्रालय और पीएमओ को भी चिट्ठी लिखी है. साथ ही अपने द्वारा मारपीट किए जाने की पूरी जानकारी उत्तर प्रदेश के डीजीपी और लखनऊ के एसएसपी को भी दी है.

सेवा में,
श्रीमान चेयरमैन,
अनुसूचित जाति आयोग,
नई दिल्ली
विषय: बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ में SC/ST छात्रों के साथ जातिगत उत्पीड़न एवं मारपीट के संबंध में

महोदय,
विनम्र निवेदन है कि हम सभी छात्र आज दिनांक 7 सितंबर 2016 को हॉस्टल से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए विश्वविद्यालय में कुलसचिव महोदय से मिलना चाह रहे थे लेकिन कुलसचिव महोदया दिन भर किसी मीटिंग में व्यस्त रही जिससे हम लोग उनसे मिल नही पाये. इससे पहले भी हम लोगों ने हॉस्टल की समस्याओं के लिए विश्वविद्यालय के DSW से शिकायत भी कर चुके थे, लेकिन DSW महोदय ने हमारी समस्या को नजर अंदाज कर दिया था. इस वजह से आज हम लोग अपनी समस्या के समाधान के लिए कुलसचिव महोदया से मिलने के लिए देर रात तक उनका इंतजार प्रशासनिक भवन के बाहर कर रहे थे. इतने में रात्रि 9 बजे के करीब प्रोफ. कमल जैसवाल ABVP के कार्यकर्ताओं के साथ हम लोगों के पास आये और हमारे खिलाफ जातिगत टिप्पणियां की, हम लोगों को मारा पीटा और हमारे कपड़े फाड़ दिए.

विश्वविद्यालय में SC/ST छात्रों को चुन-चुनकर ABVP के कार्यकर्त्ताओं ने खदेड़कर मारा और जातिगत गालियां दी जिससे प्रोफ. कमल जैसवाल से कहासुनी और धक्का मुक्की हुई और ABVP के कार्यकर्ताओं ने हम लोगों के खिलाफ हमला बोल दिया. जिससे अधिकतर SC/ST के विद्यार्थी विश्वविद्यालय के बाहर अपनी जान बचाते हुये भागे. विश्वविद्यालय में और छात्रावास के अंदर ABVP के कार्यकर्ताओं ने कब्ज़ा कर रखा है जिसका नेतृत्व सत्यम गुप्ता, गौरव तिवारी अनुपम पाठक अन्य छात्र कर रहे थे. कमल जैसवाल और ABVP के कार्यकर्ताओं से हम सभी छात्र अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे है. इससे पहले भी प्रोफ. कमल जैसवाल ने हम लोगों के भविष्य को बर्बाद करने के लिए विश्वविद्यालय में चल रही अनियमितता के खिलाफ 3 मई 2016 को विश्वविद्यालय में शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन किया था. जिससे पूर्व प्रॉक्टर कमल जैसवाल ने हम लोगों के ऊपर पुलिस के माध्यम से लाठी चार्ज करवाया था और 19 SC/ST छात्रों के खिलाफ झूठी FIR भी दर्ज करवाई थी. इस वजह से यहाँ के छात्रों का भविष्य संकट में है. इसलिए महोदय से विनम्र निवेदन है कि उपरोक्त मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए तथा दोषियों के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाए. जिससे विश्वविद्यालय के अंदर SC/ST अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सके.
आपकी अति कृपा होगी ।
धन्यवाद

प्रतिलिपि
1. चेयरमैन मानवाधिकार संगठन दिल्ली

2. चेयरमैन, UGC दिल्ली

3. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय दिल्ली

4. MHRD दिल्ली

5. PMO, भारत सरकार

6. राज्य अनुसूचित जाति आयोग लखनऊ

7. SSP लखनऊ

8. DGP उत्तर प्रदेश

पूरा घटनाक्रम जानने के लिए पढ़ें- अम्बेडकर विवि, लखनऊ ने आठ दलित छात्रों को निष्कासित किया, छात्रों ने विवि पर लगाया गंभीर आरोप

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