
नई दिल्ली। सैनेटरी नैपकिन पर 12 प्रतिशत जीएसटी को लेकर विरोध जारी है. अब तमिलनाडु के कोयंबट्टूर में रेवोल्यूशनरी यूथ फ्रंट के सदस्यों ने जीएसटी का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को सैनेटरी नैपकिन के पार्सल भेजे हैं.
बता दें कि कुछ संस्थानों द्वारा और सोशल मीडिया पर सैनेटरी नैपकिन पर जीएसटी लगाने का विरोध किया जा रहा है. इस मसले को लेकर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब भी मांग है.
सैनेटरी नैपकिन पर टैक्स कम करने की मांग करने वालों का कहना है कि यह महिलाओं की मूलभूत जरूरत है. अगर ये महंगे होंगे तो महिलाएं इसे नहीं खरीद पाएंगी.
अप्रैल में शी सेज नाम की एक संस्थान ने सोशल मीडिया पर ‘लहू का लगान’ नाम से एक कैंपेन भी शुरू किया था. इसमें सैनेटरी नैपकिन को कर मुक्त करने की मांग की गई थी.
कई राजनीतिक दलों ने भी सैनेटरी नैपकिन पर लगने वाले कर का विरोध किया था. एमएनएस नेता शालिनी ठाकरे ने इस इस मसले को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात भी की थी.
वहीं, इस बीच देश में कई जगहों पर सैनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन लगाने का भी फैसला किया गया है. 17 मई को केरल सकार ने फैसला किया है कि हर स्कूल में सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन लगाई जाएंगी.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।

