AMU के प्रोफेसर ने व्हाट्सऐप पर दिया पत्नी को तीन तलाक

aligarh

अलीगढ़। एक साथ तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध करार दिया है लेकिन मुस्लिम समाज में ऐसे भी कुछ लोग हैं जो इसका अभी भी धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में संस्कृत विभाग के प्रोफेसर ने अपनी पत्नी को व्हाट्सऐप के जरिए तलाक दे दिया. पीड़ित पत्नी अब मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक इंसाफ की गुहार लगा रही है. महिला ने न्याय नहीं मिलने पर सुसाइड करने की धमकी दी है.

यास्मीन खालिद ने आरोप लगाया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग के प्रोफेसर और चेयरमैन खालिद बिन यूसुफ खान ने व्हाट्सएप पर उन्हें तलाक दिया है. हालांकि यास्मीन ने सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में केस दर्ज करा दिया है. इस दौरान यास्मीन के हाथों में एक तख्ती थी, जिस पर लिखा है, ‘माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी मुझे इंसाफ दिलाइए.’

वहीं प्रोफेसर ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मैंने केवल व्हाट्सएप्प या मैसेज के जरिए तलाक नहीं दिया बल्कि 2 लोगों के सामने और शरियत की अवधि का पालन करते हुए उसे तलाक दिया. उन्होंने कहा कि वह पिछले दो दशकों से मुझे परेशान कर रही है. उसने हमारे विवाह से पहले मुझसे कई तथ्यों को छिपाया. मुझे बाद में यह पता चला कि वह ग्रेजुएट भी नहीं थी, जो कि उसने दावा किया था. सही तिथि पर मैं उसे तीन तलाक भी दे दूंगा, और कोई भी मुझे रोक नहीं सकता. मुझे इसकी परवाह नहीं है कि वह क्या करती है.

आपको बता दें कि इसी साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को खत्म कर दिया था. फैसले में तीन जजों ने तीन तलाक को असंवैधानिक बताया. ये तीन जज जस्टिस नरीमन, जस्टिस ललित और जस्टिस कुरियन हैं. वहीं, चीफ जस्टिस खेहर और जस्टिस नजीर ने इसे संवैधानिक बताया है.

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