अहमदाबाद। अत्याचार के मारे दलित समाज के लोगों ने अपनी अलग पहचान बनाने के लिए ऐसा कुछ किया है, जिससे समाज के ठेकेदार बौखला गए हैं. दरअसल अहमदाबाद के रामपुर के रहने वाले कनु सुमेसरा मंगलभाई ने दलित समाज के गिरते मनोबल को उठाने का एक बड़ा काम किया है. उन्होंने 100 दलित परिवारों को इकट्ठा कर अम्बेडकर गरबा का आयोजन करवाया.
इंडियन एक्सप्रेस अखबार से बातचीत के दौरान सुमेसरा मंगलभाई ने कहा कि गुजरात में ऐसा पहली बार हुआ है. जब दलितों ने अपना भगवान चुन लिया है. और इस तरह के फैसले लेने के पीछे खुद वो समाज हीं जिम्मेदार है. जहां पर दलित के बच्चे अगर गरबा देखने जाते हैं. तो उनके साथ मारपीट की जाती है. उनका कत्ल कर दिया जाता है.
कभी मुंछों को लेकर तो कभी गरबा देखने को लेकर. आए दिन गुजरात में जिस तरह से दलितों के ऊपर अत्याचार हो रहा है. उससे दलित समाज के सब्र का बांध टूटता दिखाई दे रहा है. और ऐसे में जिस तरह से सुमेसरा मंगलभाई ने लोगों की सोच को एक नई दिशा दी है. वो वाकई काबिले तारीफ है. दलित समाज में एक नए तरह के गरबा होने से, उन लोगों के जख्मों पर थोड़ा मरहम तो जरुर लगेगा जो अत्याचार की आग में झुलसे पड़े हैं.

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