अमेरिका में रहने वाले अंबेडकरवादियों के संगठन अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर विदेशी जमीन पर नया इतिहास बनाने जा रही है। और इसकी आधारशिला संगठन ने अपने 10वें स्थापना दिवस के मौके पर 23 जुलाई 2022 को रख दी। इस दिन संगठन द्वारा अंबेडकर मेमोरियल का पहली ईंट रख दी गई। खास बात यह रही कि यह पहली ईंट भारत के मध्य प्रदेश स्थित महू में बाबासाहेब आंबेडकर के जन्मस्थान से लाई गई थी। इस शानदार मौके के गवाह अमेरिका के 12 राज्यों से आए लगभग 200 अंबेडकरवादी बने। बहुजन नायकों के जयकारे के बीच पहला पत्थर अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर के मौजूदा अध्यक्ष संजय कुमार ने रखा। यह पूरा प्रोजेक्ट डेढ़ मिलियन डालर यानी 15 लाख अमेरिकी डॉलर का है। रुपये में बात करे तो यह प्रोजेक्ट तकरीबन 12 करोड़ रुपये का है।
खास बात यह रही कि अंबेडकर मेमोरियल की पहली ईंट रखने के दौरान हर जाति धर्म के लोग मौजूद थे। इसमें अंबेडकरवादियों के साथ ही ब्लैक, मुस्लिम एवं उन अमेरिकी एक्टिविस्टों ने हिस्सा लिया, जो बाबासाहेब आंबेडकर की मानवतावादी विचारधारा में यकीन रखते हैं। मेमोरियल की पहली ईंट रखते हुए अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर के प्रेसीडेंट संजय कुमार ने कहा कि- फाउंडेशन स्टोन को विभिन्न धर्मों और जातियों के अम्बेडकरवादियों द्वारा लगाया गया था, यह दर्शाता है कि एआईसी विविधता को कैसे अपनाना चाहता है। उन्होंने कहा कि यह इमारत सिर्फ ईंटों और लकड़ियों से नहीं बनेगा, बल्कि यह दुनिया भर में मौजूद बाबासाहेब के करोड़ों अनुयायियों की भावनाओं से भी बनाया जाएगा।
बताते चलें कि अंबेडकर मोमोरियल बनाने का बजट डेढ़ मिलियन यानी वन एंड हाफ मिलियन डालर है। यह मेमोरियल सेंटर के मुख्यालय पर बनना है जो कि अमेरिका के वशिंगटन डीसी में स्थित है। यह अंबेडकर मेमोरियल अमेरिका में बाबासाहेब का पहला स्मारक होगा। बता दें कि पिछले एक दशक से यह संगठन भारत में मानवाधिकार और समानता के लिए काम कर रहा है।

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