छत्तीसगढ़। वनांचल क्षेत्र कुई में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित आदिवासी छात्रावास एवं आश्रमों को दी जाने वाली 42 क्विंटल चावल के स्थान पर केवल 27 क्विंटल चावल दिया गया है। इस तरह 15 क्विंटल चावल की कटौती कर दी गई है। कटौती के संबंध में कोई जानकारी नहीं है, इससे परेशानी बढ़ गई है।
कुकदूर में आदिवासी बालक छात्रावास, नवीन आदिवासी बालक छात्रावास, ठक्कर बापा आदिवासी बालक छात्रावास और कुई के आदिवासी कन्या छात्रावास, आदिवासी बालक आश्रम और आदिवासी कन्या आश्रम संचालित हैं। इन छात्रावास व आश्रम में कुल 300 बच्चे रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। नियमत: छात्रावास एवं आश्रमों में रहने वाले छात्रों को प्रति छात्र, प्रतिदिन 500 ग्राम के हिसाब से पूरे माह के लिए सोसाइटी में रियायत दर पर हर माह चावल आवंटन दिया जाता है।
पुराना आदिवासी बालक छात्रावास को 6 के स्थान पर 4 क्विंटल ही दिया गया
नवीन आदिवासी बालक छात्रावास अधीक्षक रामगोपाल वर्मा ने बताया कि अगस्त माह में मिलने वाला चावल 7 क्विंटल 30 किलो के स्थान पर 5 क्विंटल, पुराना आदिवासी बालक छात्रावास कुकदूर को 6 क्विंटल के स्थान पर 4 क्विंटल, ठक्कर बापा आदिवासी बालक छात्रावास कुकदूर को 4 क्विंटल 50 किलो के स्थान पर 3 क्विंटल, आदिवासी कन्या छात्रावास कुई को 8 क्विंटल के स्थान पर 5क्विंटल 50 किलो, आदिवासी बालक आश्रम कुई को 8 क्विंटल के स्थान पर 5 क्विंटल, आदिवासी कन्या आश्रम कुई को 8 क्विंटल के स्थान पर 5 क्विंटल चावल ही दिया गया है। इसकी वजह से वहां के प्रभारियों की परेशानी बढ़ गई है।
यहां दर्ज बच्चों की संख्या
संस्था संख्या बच्चों की संख्या
कुई 2 आश्रम व 1 आश्रम 180 बच्चे
कुकदुर 03 छात्रावास 120 बच्चे
ऐसी कटौती समझ से परे है
अधीक्षिकों का कहना है कि अगस्त माह में पूरे माह स्कूल लगा है। चावल की मात्रा में 15 क्विंटल की कटौती समझ से परे है। अगस्त भर बच्चे छात्रावास में रहेंगे, तो खाएंगे क्या। छात्रावास अधीक्षक श्री वर्मा ने कहा अगस्त महीने की कटौती की गई चावल नहीं दिया तो खुले दुकान से ऊंचे दर पर खरीदना होगा।
बाद में आएगा तो फिर देंगे
सोसाइटी को अगस्त माह का कटौती कर चावल मिला है, उतना छात्रावास अधीक्षकों को दे दिया गया है। बाद में चावल आएगा, तो उन्हें फिर से दिया जाएगा। राकेश यादव, विक्रेता, आ.से स.समिति कुई कुकदुर
समय पर उठाव नहीं कर रहे
समय पर चावल का उठाव नहीं किया जा रहा है। इसे देखकर चावल आवंटन में कटौती की गई है। कीर्ति कौशिक, फूड इंस्पेक्टर पंडरिया
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