जानिए, किसान आंदोलन को लेकर न्यूयार्क टाइम्स में फुल पेज क्या छपा है?

999

भारत का किसान आंदोलन अब पूरी दुनिया के लिए चर्चा का मुद्दा बन गया है। अमेरिकी पॉप स्टार सहित तमाम राजनीतिक हस्तियों एवं सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता एवं संगठनों ने किसानों के प्रति समर्थन की घोषणा की है। इसी सिलसिले में अमेरिका से प्रकाशित होने वाले और दुनिया के बड़े मीडिया ग्रुप में शुमार अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ में किसानों के पक्ष में पूरे एक पेज का विज्ञापन प्रकाशित हुआ है। इस विज्ञापन को ‘जस्टिस फॉर माइग्रेन्ट वूमन’ नामक संगठन ने प्रकाशित करवाया है। यह संगठन अमेरिका में अन्य स्थानों से पलायन करके आई महिलाओं के कानूनी अधिकार एवं मानवाधिकार पर जागरूकता निर्माण करने के साथ उनके अधिकारों की रक्षा का काम करता है।

इस संगठन द्वारा न्यूयॉर्क टाइम्स में दिए गए इस विज्ञापन में दुनिया भर के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से एक अपील भी की गयी है। दलित दस्तक इस अपील को हिन्दी में सबके सामने ला रहा है ताकि अधिकाधिक भारतीय नागरिक इसे पढ़ एवं समझ सकें।

करीबन दस लाख किसान शांतिपूर्वक ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन इसके जवाब में भारत सरकार ने राज्य द्वारा अनुमत  हिंसा, आंसू गैस, पानी की धार और बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियों के जरिए किसानों को जवाब दिया है।  मानवाधिकार का इस प्रकार का हनन अब समाप्त होना चाहिए।

भारत के किसान अपने जीवन की गरिमा और आजीविका को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। यह किसान उन तीन कानूनों का विरोध कर रहे हैं जो कि हड़बड़ी में बगैर किसी विचारविमर्श के पास कर दिए गए हैं, ये तीनों कानून भारत में कृषि को खुले मार्केट के लिए खोल देंगे। कई लोगों के लिए यह उनके जीवन और मरण का प्रश्न है। ये कानून बड़ेबड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाते हैं और किसानों की सारी सुरक्षा छीन लेते हैं। भारत की लगभग आधी कामकाजी आबादी खेती से और वह भी मुख्य रूप से छोटी जोत वाली खेती सेजुड़ी हुई है। भारत के दसियों लाख परिवार अपनी आजीविका खो जाने की आशंका से डरे हुए हैं। खेती के बढ़ते व्यावसायिकरण से हमारे भोजन और हमारे पर्यावरण के भविष्य पर बुरा असर पड़ सकता है।

भारत के किसान पूरे देश से इकट्ठे होकर शांतिपूर्ण ढंग से कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बावजूद उनके खिलाफ हिंसा, गिरफ्तारियां और सरकार के द्वारा कानूनी कार्रवाई की जा रही है। किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर बारबार पानी बिजली और अन्य सुविधाएं बंद की जा रही है। किसानों के प्रतिरोध की आवाज को दबाने के लिए इंटरनेट सुविधा भी सोचीसमझी रणनीति के तहत निलंबित की जा रही है। मीडिया को भी सेंसर किया जा रहा है और धमकाया जा रहा है। आंदोलनकारियों, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को गिरफ्तार किया जा रहा है, उनपर हमले किए जा रहे हैं और अनिश्चित काल के लिए जेल में ठूँसा जा रहा है।

भारत यह जो कुछ भी कर रहा है वह उन पवित्र लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है जिनके जरिए मानव अधिकार के प्रति नागरिक एवं राजनीतिक भागीदारी की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। हम एक खतरनाक समय में जी रहे हैं, आज पूरी दुनिया के नागरिकों को इकट्ठा करने की आवश्यकता आन पड़ी है ताकि लोकतंत्र के आदर्शों की रक्षा की जा सके।

भारतीय किसानों के लिए संदेश: आप लोगों ने मानवता के इतिहास के सबसे बड़े आंदोलन को जन्म दिया है।पंजाब के खेतों से, केरल के गांव से, नई दिल्ली की सड़कों से, आपकी आवाज पूरी दुनिया में गूंज रही है। अब हम भी आपकी आवाज में आवाज मिला रहे हैं।

हम अमेरिका और दुनिया भर के सभी मानव अधिकार कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हैं, कि वे हमारे साथ आएं और भारत के किसानों और आंदोलनकारियों के खिलाफ हो रहे दुर्व्यवहार की निंदा करें। आप से गुजारिश है कि आप अपनी आवाज का इस्तेमाल करते हुए भारत को बताएं कि वह लोगों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार, उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने की मांग करने का अधिकार, पूरी दुनिया के लिए सुरक्षित स्वस्थ और अधिक न्यायपूर्ण भविष्य को साकार करने की दिशा में लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों का सम्मान करें।

https://www.siasat.com/ney-york-times-carries-full-page-ad-in-support-of-indian-farmers-2091999/

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.