गोरखपुर। गोरखपुर लोकसभा सीट को हारने का दर्द यहां के महंथ योगी आदित्यनाथ को लंबे समय तक सालता रहेगा. लेकिन योगी आदित्यानाथ के लिए लोकसभा सीट की हार से भी ज्यादा चौंकाने वाली घटना हो गई, जिससे योगी की इज्जत ही दांव पर लग गई है. और योगी समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर ऐसा हुआ तो हुआ कैसे??
असल में अब तक पूर्वांचल की गोरखपुर सीट को बीजेपी का सबसे मजबूत दुर्ग माना जाता रहा है, लेकिन उपचुनाव में ये सुरक्षित किला दरक गया है. बीजेपी उम्मीदवार और योगी के प्रतिनिधि की गोरखपुर में हार हुई है. यही नहीं बल्कि योगी को गोरखनाथ मठ के उस बूथ पर भी करारी हार का सामना करना पड़ा है, जिसके महंत योगी आदित्यनाथ हैं.
गोरखनाथ मठ वाले बूथ पर बीजेपी उम्मीदवार को कांग्रेस प्रत्याशी से भी कम वोट मिले हैं. बीजेपी इस बूथ पर 50 वोट भी नहीं पा सकी है. गोरखनाथ मठ वाले बूथ पर बीजेपी उम्मीदवार उपेंद्र शुक्ल को महज 43 वोट मिले. जबकि कांग्रेस को 56 और सपा उम्मीदवार को 1775 वोट मिले हैं. यह तब है जब यह मठ पिछले तीन दशक से योगी और गोरखपुर की सियासत का सबसे बड़ा केंद्र है. यह योगी के लिए इसलिए भी करारी शिकस्त है क्योंकि गोरखपुर के सांसद रहे योगी आदित्यनाथ सूबे के मुख्यमंत्री भी हैं. इतना नहीं वो गोरखपुर से पांच बार के सांसद रहे हैं.

राज कुमार साल 2020 से मीडिया में सक्रिय हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हैं।