कर्नाटक। सीएम की कुर्सी गंवा बैठे बीजेपी नेता येदियुरप्पा ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. येदियुरप्पा ने चुनाव आयोग को झूठा कहा और साथ ही यह भी कहा कि पुलिस अधिकारियों ने चुनाव में शराब व पैसा बांटने में मदद की है.
मंगलवार को मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक चुनाव में कथित गड़बड़ियों पर चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी है. येदियुरप्पा का आरोप है कि कर्नाटक के विजयपुरा स्थित एक गांव में वीवीपैट मशीनों के बॉक्स खुली जगह पर मिले थे. मुख्य चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत को लिखी चिट्ठी में येदियुरप्पा ने कहा कि आयोग को इस मामले में गंभीर कार्यवाही करनी चाहिए.
चुनाव आयोग झूठा साबित
उन्होंने यह भी लिखा, इससे चुनाव आयोग का निष्पक्ष होने का दावा झूठा साबित हो गया है. वोटिंग से पहले भी बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने संबंधित अधिकारियों को इसे लेकर शिकायत की थी. यह आरोप भी लगाया कि बिदर और कलबुर्गी जिले के कई हिस्सों में पुलिस अधिकारियों ने प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों द्वारा वोटरों को शराब और पैसे बांटने में सहयोग किया.
कन्फ्यूजन फैला रहे हैं…
हालांकि कर्नाटक राज्य के चुनाव अधिकारी संजीव कुमार ने कहा कि रविवार को मनागुली गांव में मिले वीवीपैट बॉक्स चुनाव आयोग के नहीं हैं. आग कुमार ने बताया कि यहां मिले वीवीपैट बॉक्स में कोई मशीन और पेपर नहीं था. साथ ही यूनिक इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग नंबर भी नहीं था. चुनाव आयोग उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा, जो कन्फ्यूजन फैला रहे हैं. ये बॉक्स विजयपुरा जिले के नहीं हैं. इस जिले के लिए 2744 वीवीपैट इश्यू किए गए थे और ये सभी स्ट्रॉंग रूम में सुरक्षित रखे गए हैं. मनागुली पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करने के बाद मामले की जांच की जा रही है.
Read also-गेम चेंजर मायावती को कर्नाटक से बुलावा
- दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak

दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।
