Sunday, June 29, 2025
HomeTop Newsराष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को मिला अध्यक्ष, विजय सांपला ने संभाला पद

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को मिला अध्यक्ष, विजय सांपला ने संभाला पद

तकरीबन नौ महीने तक खाली रहने के बाद आखिरकार राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को नया अध्यक्ष मिल गया है। केंद्र सरकार में पूर्व राज्यमंत्री विजय सांपला को आयोग का नया चेयरमैन चुना गया है।  राष्ट्रपति ने 16 फरवरी को विजय सांपला को नियुक्ति का पत्र दिया, जिसके बाद सांपला ने 24 फरवरी 2021 को एससी-एसटी कमीशन के चेयरमैन का पद संभाला है। उन्होंने रमाशंकर कठेरिया की जगह ली है, जिनका कार्यकाल 9 नवंबर 2014 से 24 May 2019 तक था। सांपला ने 22 फरवरी को सबका धन्यवाद करते हुए ट्विटर पर इसकी जानकारी साझा की।

साल 1998 में भाजपा ज्वाइन करने के बाद उन्होंने 2014 में उन्होंने होशियारपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा और विजय हुआ। विजय सांपला 2014-2019 तक होशियारपुर से सांसद रहे हैं। 2014-2019 तक मोदी सरकार में सोशल जस्टिस स्टेट मंत्री रहे हैं। लेकिन सांपला के राजनीतिक करियर पर उस समय विराम लग गया था, जब 2019 के लोकसभा चुनावों में उनकी टिकट काटकर सोम प्रकाश को दे दिया गया था। वह अब केंद्र में मंत्री हैं। लोकसभा चुनावों में टिकट न मिलने के बावजूद उन्होंने न पार्टी छोड़ी और न ही किसी और दल से चुनाव लड़ा। विजय सांपला ने पार्टी और मैदान में अपना संघर्ष जारी रखा। सांपला को इसका फायदा नई जिम्मेदारी के रूप में मिला है।

विजय सांपला की नियुक्ति के साथ ही यह भी माना जा रहा है कि भाजपा ने 2022 में पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए अपना तुरुप का पत्ता भी चल दिया है। तो वहीं राष्ट्रीय राजनीति में विजय सांपला के कद को बढ़ाकर यह साफ कर दिया है कि भाजपा उनको लेकर कुछ बड़ा करने की योजना बना रही है।

विजय सांपला को राष्ट्रीय चेयरमैन की कुर्सी देकर भाजपा की ओर से पंजाब की 34 विधानसभा सीटों पर प्रभाव डालने की पूरी रणनीति तैयार की गई है। पंजाब में 2022 में भाजपा अकेले चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। राज्य में पार्टी पहले ही दलित वोट बैंक को लेकर काफी गंभीर रही है। पंजाब में 117 में से 34 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं, जिसमें से अभी तक भाजपा पांच सीटों पर ही चुनाव लड़ती रही है। बाकी सीटों पर शिरोमणि अकाली दल ने अपना कब्जा रखा था। भाजपा इसे अपने खेमे में लाना चाहती है। तो वहीं कृषि कानून पास होने से पंजाब का ग्रामीण वोटर केंद्र सरकार से नाराज चल रहा है। उन्हें भी भाजपा विजय सांपला के जरिए साधना चाहती है, क्योंकि उनमें ज्यादातर दलित समाज से हैं।
6 जुलाई 1961 को पंजाब के जालंधर में जन्में विजय सांपला का जीवन संघर्षों में बीता है। एक वक्त में उन्होंंने सउदी में पलंबर का काम भी किया था। लेकिन आगे बढ़ने की चाह उन्होंने कभी नहीं छोड़ी न हालात से समझौता किया और आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं।

लोकप्रिय

अन्य खबरें

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Skip to content