योगी सरकार को अच्छी नहीं लगती यूपी की हरियाली

Yogi

लखनऊ। एक तरफ जहां दुनिया भर में पर्यावरण को बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की मुहिम चल रही है तो दूसरी तरफ यूपी की योगी सरकार के फरमान से ऐसा लगता है कि इन्हें पर्यावरण की सुरक्षा से कोई लेना देना नहीं है. दरअसल, योगी सरकार ने वन और पर्यावरण नीति में बड़ा बदलाव करते हुए सिर्फ चार पेड़ों को प्रतिबंधित सूची में रखा है जिसमें आम, नीम, साल और महुए के पेड़ शामिल हैं.

यानि सरकार ने अब चार तरह के पेड़ों को छोड़ बाकी पेड़ों की कटान पर लगी रोक हटा दिया है. जिसके बाद किसान अब चार चुनिंदा पेड़ों को छोड़कर अपनी मर्जी से बांकि पेड़ को काट सकेंगे. योगी सरकार के इस कदम से न सिर्फ पर्यावरणविद हैरान हैं. बल्कि वृक्षारोपण को बढ़ावा देने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं में भी खासी नाराजगी देखी जा रही है.

आपको बता दें कि पिछले साल प्रदेश की 6 हजार एक सौ 66 जगहों पर करीब 81 हजार हेक्टेयर में 5 करोड़ पौधे लगाए गए थे. प्रदेश सरकार की इस कवायद को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्र्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया था और इसकी सराहना भी हुई थी. पर्यावरण को बचाने की मुहिम के बीच योगी सरकार के इस फैसले ने प्रदेश के लोगों को सकते में डाल दिया है. कहीं ऐसा न हो कि पिछली सरकार की योजनाओं की सेहत बिगाड़ने के चक्कर में योगी आदित्यनाथ प्रदेश की सेहत ही बिगाड़कर रख दें.

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