हरियाणा। बीजेपी सरकार के राज में दलितों के उत्पीड़न की घटनाऐं लगातार सामने आ रहीं हैं पर अब एक फरमान मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के गांव से आया है. मंत्री के पैतृक गांव में दलितों के खिलाफ शर्मनाक फरमान सुनाया गया है. जिस पर भारी विवाद हो रहा है. यह घटना हरियाणा के जींद जिले के गांव की है जहां एक मंदिर में शुरू हुए हवन यज्ञ में दलितों को भाग नहीं लेने को कहा गया है.
गांव डूमरखा खुर्द के एक मंदिर में मंगलवार को हवन शुरू किया गया है. यह हवन नौ जुलाई तक चलेगा. बताते हैं कि यज्ञ से पहले गांव के लोगों की बैठक हुई, जिसमें एक पंडित ने हवन से दलित समाज को दूर रहने का फरमान जारी कर दिया. यह सुनकर दलित समाज के लोगों ने पंडित के फरमान का विरोध कर दिया. जब उन पर पंडित के आदेश का पालन करने के लिए दबाव डाला गया तो उन्होंने सदर थाने में लिखित शिकायत कर दी. दलित समाज के लोगों ने पुलिस से गुहार लगाई कि जात-पांत का जहर फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. लिखित शिकायत मिलने के बाद सदर थाना प्रभारी रमेश कुमार मंदिर पहुंचे और गांव के लोगों से बात की.
दलित समाज के लोगों ने कहा कि उन्होंने मंदिर और हवन के लिए चंदा दिया है. इसके अलावा दूसरे कार्यों में भी सहयोग दिया है. हवन गांव में भाईचारा बनाए रखने और सुख समृद्धि के लिए कराया जा रहा है. मंदिर और हवन से दूर रखना उनके अधिकारों का हनन है. प्रशासन को मामले की तह तक जाकर फरमान सुनाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. दलित समाज के लोगों का कहना है कि लोगों की उपस्थित में पंडित ने कहा कि मंदिर में होने वाले हवन में दलितों का प्रवेश नहीं होना चाहिए. हवन में अगर दलितों का प्रवेश हुआ तो विघ्न पड़ जाएगा और गांव में शांति नहीं रहेगी. दलित सिर्फ भंडारे में प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं.
दलितों ने चेतावनी दी है कि यदि पुलिस ने मामले में कार्रवाई नहीं की तो वह धरना प्रदर्शन करेंगे और प्रशासन के आला अधिकारियों से शिकायत करेंगे. जिसके बाद अगर ऐसी कोई भेदभाव की घटना उनके साथ हुई तो वे बड़े स्तर पर प्रर्दशन करेगें.

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