
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के पहले बहुजन समाज पार्टी को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने बसपा प्रमुख सुश्री मायावती को झटका देते हुए एक बड़ा फैसला सुनाया है. एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा है कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपनी और हाथियों की मूर्तियां बनाने में जितना पैसा खर्च किया है, उसे वापस करना चाहिए. मामले की अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होगी.
गौर हो कि इस मामले में 2009 में रविकांत और अन्य व्यक्तियों ने इस बारे में एक जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुश्री मायावती के वकील को कहा कि अपने क्लाइंट को कह दीजिए कि सबसे पहले वह मूर्तियों पर खर्च हुए पैसों को सरकारी खजाने में जमा कराएं. दरअसल याचिका कर्ताओं को इस बात की शिकायत है कि मायावती ने मुख्यमंत्री रहते खुद की और बहुजन समाज पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथी की प्रतिमा लगाकर सरकारी पैसों का गलत इस्तेमाल किया है.
रिपोर्ट के मुताबिक इन पार्कों को बनाने में 6000 करोड़ रुपये खर्च हुआ है. जहां तक मूर्तियों की बात है तो दलित प्रेरणा स्थल पर मुख्य गुंबद में बाबासाहब डॉ. आम्बेडकर और मान्यवर कांशीराम के साथ बसपा प्रमुख मायावती की प्रतिमा भी लगी है. इस पार्क में हाथी की 30 मूर्तियां लगाई गई है, जबकि कांसे की 22 प्रतिमाएं लगी हुई है. इसमें 685 करोड़ का खर्च माना जाता है.
हालांकि बहुजन समाज के लोगों की इन पार्कों में गहरी आस्था है. इसकी जायज वजह भी है. यहां जोतिबा फुले, शाहूजी महाराज, नरायणा गुरु, पेरियार, संत गाडगे सहित जिन बहुजन महापुरुषों की प्रतिमाएं लगाई गई हैं, उनका राष्ट्र के निर्माण में काफी अहम योगदान रहा है. हर वर्ष 14 अप्रैल को अम्बेडकर जयंती और 15 मार्च को कांशीराम जयंती के लिए इन पार्कों में हजारों की संख्या में लोग जाते हैं.

अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।