नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला लेते हुए जेईई-एडवांस्ड प्रवेश परीक्षा काउंसिलिंग पर रोक लगा दी है. असल में यह फैसला 18 बोनस अंक देने के मामले का है जिस पर सुनवाई करते हुए आईआईटी, ट्रिपल आईटी और एनआईटी समेत अन्य इंजीनियरिंग कालेज की काउंसलिंग और दाखिले की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा है कि एडमिशन की इजाज़त बोनस अंक देने के मामले मे सुनवाई के बाद ही दी जा सकती है. मामले में अगली सुनवाई आगामी सोमवार को होगी.
कोर्ट के फैसले के बाद इंजीनियरिंग कालेज में काउंसलिंग और दाखिले का कार्यक्रम कानूनी अड़चनों में फंसता रहा है. ऐसे में करीब 33 हजार छात्र-छात्राओं का भविष्य बीच में ही लटक गया. कोर्ट ने कहा कि बोनस अंक देने का मामला एक परेशानी है और इसका जल्द निपटारा किया जाना जरुरी है.
बता दें की मामले की सुनवाई के दौरान आईआईटी पक्ष के वकील ने कहा था की करीब 2.5 लाख छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं की दोबारा जांचना संभव नहीं है, ऐसे में बोनस अंक देना ही प्रैक्टिकल समाधान है. कोर्ट ने इशारा किया कि वो अपने वर्ष 2005 में दिए गए फैसले को आगे बढ़ाएगा, जिसके तहत गलत सवाल पर उसे ही अंक दिया जा सकता है, जिसने सवाल को हल किया है. कोर्ट ने कहा भी कि बोनस अंक देने का मसला आईआईटी के सवालों की तरह मुश्किल से भरा हुआ है जिससे बड़ी मुश्किल काउंसिलिंग में शामिल होने वाले छात्रों को ही होगी जिसके ऊपर सैकड़ो छात्रों का भविष्य टिका हैं.

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