अहमदाबाद। गुजरात की विधानसभा में जिग्नेश मेवाणी को सोमवार को केवल 40 सेकेंड का समय ही मिल सका. मेवाणी सोमवार को विधानसभा में दलित सामाजिक कार्यकर्ता भानुभाई वणकर के केस पर बोल रहे थे. इससे पहले की मेवाणी अपनी पूरी बात रख पाते, विधानसभा के अध्यक्ष ने 40 सेकेंड बाद मेवाणी का माइक बंद करने का आदेश दे दिया.
दलितों को सरकार की ओर से आवंटित जमीन के कब्जे की मांग को लेकर दलित सामाजिक कार्यकर्ता भानुभाई वणकर ने पिछले हफ्ते कलेक्टर ऑफिस में खुद को आग लगा ली थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. मेवाणी ने खुद को बोलने से रोकने के बाद गुजरात सरकार पर आरोप लगाया कि वह दलितों के विरोध में काम कर रही है. उन्होंने थानगढ़ एसआईटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की. मेवाणी ने कहा कि सरकार के कदम से लगता है कि वह इस मामले में किसी भी अधिकारी की जवाबदेही तय नहीं करेगी. थानगढ़ में तीन दलित मारे गए थे.
मेवाणी ने कहा कि पीड़ित परिवार को 8 लाख रुपये देने की घोषणा की गई थी, जो अब तक पूरी नहीं हुई है. मेवाणी ने आरोप लगाया कि सरकार का मानना है कि दलितों को दी जाने वाली जमीन पर दलितों का कोई हक नहीं है.

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