जयपुर। राजस्थान में करीब 45 विधानसभा सीटों पर अपनी पकड़ रखने वाले आदिवासी नेता किरोड़ीलाल मीणा को पार्टी में शामिल कर लिया है. रविवार 11 मार्च को मीणा ने अपनी राष्ट्रीय जनतांत्रिक पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया. बदले में भाजपा उन्हें राज्यसभा में भेजेगी. उन्हें मंत्री भी बनाया जा सकता है. उपचुनाव में हार के बाद भाजपा प्रदेश में जीत का फार्मूला तलाश रही थी.
मीणा के कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें पार्टी में शामिल करवाने की पहल खुद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने की तो उन्हें पार्टी ज्वाइन कराने के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और बीजेपी के आला नेता जयपुर में पार्टी दफ्तर में मौजूद थे. एक दूसरी बात यह भी है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से छत्तीस का आंकड़ा रखने के बावजूद भाजपा ने उन्हें पार्टी में शामिल किया. वसुंधरा सरकार में ही मंत्री रहते हुए किरोड़ी लाल मीणा ने 10 साल पहले बीजेपी छोड़कर अपनी अलग पार्टी बना ली थी.
किरोड़ी लाल को पार्टी में लाकर मोदी और शाह की जोड़ी ने अपना पुराना फार्मूला कायम रखा है. तमाम प्रदेशों में चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने लगातार दूसरी पार्टी के जनाधार वाले नेताओं को पार्टी में शामिल किया है. राजस्थान उपचुनाव में मिली हार के बाद घबराई भाजपा ने आनन-फानन में मीणा को पार्टी में शामिल करवाने की कोशिश जारी कर दी. इसकी पहल राज्य नेतृत्व से नहीं बल्कि केंद्रीय नेतृत्व ने की थी. पिछले दिनों में मीणा अमित शाह के अलावा राजनाथ सिंह से भी मिल चुके थे.
असल में राजस्थान जीतने के लिए मीणा को भाजपा में लाना भाजपा की मजबूरी बन गई थी. तभी वसुंधरा राजे से घोर मतभेद के बावजूद उन्हें पार्टी में शामिल करवाया गया. राजस्थान में 45 सीटों पर मीणा वोटर किसी को भी चुनाव हराने और जीताने की ताकत रखते हैं. इसमें से करीब 29 विधानसभा क्षेत्रों में मीणा समाज नंबर वन है. पिछली बार मोदी लहर में भी किरोड़ी लाल मीणा की राजपा ने 134 सीटों पर चुनाव लड़कर 4 सीटें जीती थी. किरोड़ी लाल 5 बार विधायक रहे हैं और दो बार सांसद रहे. उन्हें आरएसएस का भी करीबी माना जाता है. राजस्थान में दिसंबर महीने में चुनाव होना है.

अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।
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