
नई दिल्ली। बीजेपी अध्यक्ष एक बार फिर चर्चा में हैं. नोटबंदी में सबसे ज्यादा नोट जमा करने को लेकर चर्चाएं तेज हो रही हैं. बताया जा रहा है कि भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह जिस जिला सहकारी बैंक के निदेशक हैं, वहां नोटबंदी के फैसले के बाद करीब 750 करोड़ रुपये जमा किए गये थे.
समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक मुंबई के एक आरटीआई कार्यकर्ता की याचिका के जवाब में यह खुलासा हुआ है. गौरतलब है कि 08 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री मोदी ने 500 और 1000 के नोटों को बंद करने का फैसला लिया था और जनता को बैंकों में अपने पास जमा पुराने नोट बदलवाने के लिए 30 दिसंबर, 2016 तक यानी 50 दिनों का समय दिया गया था.
बैंक के निदेशक अमित शाह
इस फैसले के पांच दिन बाद यानी 14 नवंबर, 2016 को सरकार की ओर से यह निर्देश दिया गया कि किसी भी सहकारी बैंक में नोट नहीं बदले जाएंगे. ऐसी आशंका थी कि जमा काले धन को सफेद करने के लिए ऐसे बैंकों का दुरुपयोग हो सकता है. इस आरटीआई के जवाब में यह सामने आया है कि अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक (एडीसीबी) ने इन्हीं पांच दिनों में 745.59 करोड़ मूल्य के प्रतिबंधित नोट जमा किए. बैंक की वेबसाइट के मुताबिक अमित शाह अब भी इस बैंक के निदेशक हैं और इस पद पर कई सालों से बने हुए हैं. साल 2000 में वे इस बैंक के अध्यक्ष भी थे. 31 मार्च 2017 तक एडीसीबी में कुल 5,050 करोड़ रुपये जमा हुए थे और वित्त वर्ष 2016-17 का इसका मुनाफा 14.31 करोड़ का था.
मनोरंजन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, ‘नोटबंदी के फैसले के बाद राज्य सहकारी बैंकों और जिला सहकारी बैंकों में जमा हुई राशि के बारे में पहली बार आरटीआई के तहत कोई जानकारी सामने आई है और यह चौंकाने वाली है.’ इससे पहले भी अमित शाह अपने बेटे की कंपनी के ट्रांजेक्शन को लेकर चर्चा में थे.
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