भंडारा। बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस के दिन महाराष्ट्र के भंडारा में कुछ ऐसा हुआ कि पूरे शहर के अम्बेडकरवादी सड़कों पर उतर आएं. दरअसल परिनिर्वाण दिवस होने की वजह से भंडारा के जवाहरनगर स्थित आयुध निर्माणी में काम करने वाले अम्बेडकरवादी कर्मचारियों ने बाबासाहेब को श्रद्धांजली देने का कार्यक्रम आयोजित किया था. जिसकी वजह से दो कर्मचारियों को अपनी सीट पर पहुंचने में जरा सी देर हो गई.
भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन आने वाले इस आयुध फैक्ट्री के अधिकारी सैन्की बग्गा ने इस पर दोनों कर्मचारियों को काफी फटकार लगाई. कर्मचारियों का आरोप है कि जब उन्होंने परिनिर्वाण दिवस का हवाला देकर देरी की वजह बताई तो इस पर ग्रुप ए कर्मचारी बग्गा और भड़क गया. उसने न सिर्फ दोनों कर्मचारियों को भला बुरा कहा, बल्कि बाबासाहेब के बारे में भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी.
डॉ. अम्बेडकर के बारे में अभद्र टिप्पणी सुनते ही दोनों कर्मचारियों ने तुरंत बग्गा का विरोध करते हुए अन्य कर्मचारियों को सूचित किया. बात बाबासाहेब के अपमान से जुड़ी थी सो तुरंत आग की तरह फैल गई. भंडारा में मौजूद अन्य अम्बेडकरवादी संगठनों ने भी कर्मचारियों से मिलकर अधिकारी पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस बारे में संविधान निर्माता और भारत रत्न के अपमान को लेकर नजदीकी पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज कराई गई.
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने ग्रुप ए अफसर बग्गा पर अनुसूचित जाति /जनजाति अधिनियम तथा अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिय, हालांकि अग्रिम जमानत ले लेने के कारण बग्गा की गिरफ्तारी नहीं हो सकी. लेकिन कर्मचारियों ने बग्गा को निलंबित करने की मांग लेकर मोर्चा खोल दिया है. जिसके बाद आयुध निर्माणी प्रशासन का कहना है कि उसने निलंबन के प्रस्ताव को कोलकात्ता बोर्ड को भेज दिया है. हालांकि अभी तक अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुआ है. दूसरी ओर इस पूरे मामले में जिले भर के अम्बेडकरवादी संगठन साथ आ गए हैं और मामले पर नजर बनाए हुए हैं. उनका कहना है कि अगर बाबासाहेब का अपमान करने वाले अधिकारी सैंकी बग्गा पर कार्रवाई नहीं होगी तो वो बड़ा आंदोलन करेंगे, जिसके बाद प्रशासन के हाथ पांव फूले हुए हैं.

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