नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी की हार से परेशान चल रहे राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद छोड़ने का मन बना लिया है. खबर है कि पार्टी और परिवार के तमाम लोगों के समझाने के बावजूद भी राहुल गांधी मानने को तैयार नहीं हैं. हां, उन्होंने यह जरूर कह दिया है कि जब तक विकल्प नहीं मिलता वो पद पर बने रहेंगे. हालांकि शशि थरूर सहित तमाम कांग्रेस नेताओं ने उन्हें पद पर बने रहने को कहा है और साथ ही यह भी कहा है कि राहुल गांधी का विकल्प मिलना मुश्किल है.
इस बीच राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी के ही तमाम नेताओं से दूरी बना ली है. उनसे मिलने के लिए उनके आवास पर तमाम नेता पहुंच रहे हैं लेकिन राहुल गांधी किसी से नहीं मिल रहे हैं. यहां तक कि राहुल गांधी ने मंगलवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से भी मुलाकात नहीं की, वो भी सिर्फ प्रियंका गांधी से ही मिल पाए.
चुनाव के बाद से ही कांग्रेस में नेतृत्व का संकट पैदा हुआ है. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकार होने के बावजूद खराब प्रदर्शन से राहुल खासा नाराज थे. उन्होंने कई सीनियर लीडर पर ये कहकर निशाना साधा था कि कुछ नेताओं ने सिर्फ अपने बेटों को तवज्जो दी. दरअसल राहुल गांधी का इशारा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर था.