उत्तर प्रदेश। सीतापुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. जिले के भउरी गांव के एक दलित किसान की सिर्फ इसलिए ट्रैक्टर के नीचे कुचल कर हत्या कर दी गई, क्योंकि उसने लोन नहीं चुकाया था. मृतक किसान के भाई ने फायनेंस कंपनी के लोन रिकवरी एजेंट्स पर हत्या का आरोप लगाया है. हैरत की बात यह है कि पांच लाख के लोन में से किसान चार लाख रुपये वापस कर चुका था.
भउरी गांव के 45 वर्षीय ज्ञान चंद्र ने साल 2015 में फायनेंस कंपनी से 5 लाख रुपए का लोन लिया था, उसने 4 लाख रुपए दिसंबर 2017 तक चुका दिए थे और बाकी पैसे भी जल्द ही चुकाने की बात कही थी. ज्ञान चंद्र की पत्नी ज्ञानवती ने बताया कि उसके पति ने इस साल जनवरी की शुरुआत में भी 35,000 रुपए कंपनी को दिए थे, लेकिन फिर भी कंपनी ने रिकवरी नोटिस जारी कर दिया. फायनेंस कंपनी के एजेंट्स बाकी रकम लेने के लिए शनिवार को ज्ञान के घर पहुंचे थे.
मृत किसान के भाई ने बताया कि उस वक्त ज्ञान खेत में काम कर रहा था और ट्रैक्टर भी उसके पास था. एजेंट्स सीधा खेत पहुंच गए और ज्ञान से बाकी पैसे मांगने लगे. एजेंट्स ने किसान से कहा कि या तो वह पैसे दे नहीं तो वे लोग ट्रैक्टर जब्त कर लेंगे. इस पर ज्ञान ने कहा कि वह जनवरी के आखिरी तक 65,000 रुपए दे देगा, लेकिन फिर भी एजेंट्स नहीं माने और ट्रैक्टर की चाबी छीन ली.
एजेंट्स को ट्रैक्टर ले जाने से रोकने के लिए ज्ञान बोनट से लटक गया, लेकिन फिर भी उन्होंने ट्रैक्टर चालू कर दिया. तभी अचानक उसका हाथ बोनट से फिसल गया और वह ट्रैक्टर के नीचे आ गया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई.
सीतापुर के सहायक पुलिस अधीक्षक मारतंड प्रकाश सिंह के मुताबिक पांच एजेंट्स के खिलाफ इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है.
लेकिन यह बैंक और लोन की उस व्यवस्था पर सवाल उठाता है, जिसमें करोड़ों और अरबों के कर्जदार पर बैंक और लोन वाली कंपनियां हाथ तक नहीं डालती, जबकि गरीबों के दस और बीस हजार के लिए उन्हें ट्रैक्टर के नीचे कुचल दिया जाता है.

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