मोदी सरकार की नजर में डॉ. आंबेडकर की अहमियत गांधी से कम

मामला अहमियत का है। यह सभी जानते हैं कि नये भारत के निर्माण में बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की भूमिका कितनी अहम है। लेकिन नरेंद्र मोदी हुकूमत की नजर में गांधी अहम हैं। यही वजह है कि भारत सरकार ने एक बार फिर डॉ. आंबेडकर की जयंती के मौके पर घोषित राष्ट्रीय अवकाश की सूची से अलग इसे क्लोज्ड ‘होली डे’ करार दे दिया है। 

इससे संबंधित एक कार्यालय ज्ञापांक बीते 4 अप्रैल, 2022 को भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय (डीओपीटी) द्वारा जारी किया गया। इस ज्ञापांक में कहा गया है कि मंत्रालय ने निगोशिएबुल इंस्ट्रूमेंट एक्ट-1881 के तहत निहित प्रावधानों के अनुसार यह निर्णय लिया है कि अब डॉ. आंबेडकर जयंती के मौके पर अवकाश राष्ट्रीय महत्व का अवकाश न होकर ‘क्लोज्ड होली डे’ होगा।

बताते चलें कि भारत सरकार का कार्मिक मंत्रालय तीन तरह के अवकाशों को मान्यता देता है। इनमें से एक राष्ट्रीय पर्व के अवकाश हैं। इस श्रेणी के तहत स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त), गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) और गांधी जयंती (2 अक्टूबर) के मौके पर घोषित अवकाश हैं। दूसरी श्रेणी के तहत पर्व-त्यौहारों के मौके पर दिये जानेवाले अवकाश शामिल हैं। हालांकि इनमें ही कुछ अन्य महापुरुषों की जयंतियों को भी शामिल किया गया है। तीसरी श्रेणी के तहत ‘क्लोज्ड होली डे’ है। इसी श्रेणी के तहत डॉ. आंबेडकर की जयंती के मौके पर घोषित किया जानेवाला अवकाश भी है। पहली बार इसकी घोषणा 8 अप्रैल, 2020 को की गई थी। तब से हर साल केंद्र सरकार इसकी समीक्षा करती रही है तथा इसकी घोषणा करती रही है।

उल्लेखनीय है कि ‘क्लोज्ड होली डे’ के रूप में डॉ. आंबेडकर की जयंती के अवकाश को शामिल किये जाने संबंधी अधिसूचना सभी केंद्रीय मंत्रालयों व संस्थानों को जारी किया गया है। क्लोज्ड होली डे व राष्ट्रीय पर्व के मौके पर अवकाश के बीच अंतर के सवाल पर वह बताते हैं कि क्लोज्ड होली के मौके पर जिन मंत्रालयों, संस्थाओं में लोगों को काम करना पड़ता है, उनके अलग से भत्ता नहीं दिया जाता है, जैसे 15 अगस्त या 26 जनवरी या 2 अक्टूबर के मौके पर दिया जाता है। 

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