नई दिल्ली। विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों के लिए बुरी खबर है. विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई अब और भी कठिन हो गया है. सरकार के नए नियम के अनुसार इस साल से मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए विदेश जाने वाले विद्यार्थियों के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंट्रेस टेस्ट (नीट) पास करना अनिवार्य होगा. इसके तहत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का उद्देश्य भारत से अच्छे छात्रों को मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए विदेश भेजना माना जा रहा है.
नए नियम के अनुसार नीट की परीक्षा में 50 फीसदी अंक लाने वाले विद्यार्थियों को ही विदेश जाकर मेडिकल की पढ़ाई करने की अनुमति दी जाएगी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन के शिक्षा मंत्रालय के साथ बैठक कर ऐसे 45 मेडिकल संस्थानों की सूची तैयार की है जिन्हें गुणवत्तापूर्ण माना गया है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार विद्यार्थियों को एलिजिबिलिटी सर्टिफिकेट देने के दौरान उन्हें इन अच्छे संस्थानों के बारे में गाइडेंस दी जाएगी.

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