रोहतक। हरियाणा में बेरोजगारी कितनी बड़ी समस्या बन गई है, इसका उदाहरण रोहतक में देखने को मिला. यहां महर्षि दयानंद विश्वविधालय में चपरासी की नौकरी के लिए एमए, एमबीए, बीएड कर चुके लोगों ने आवेदन दिया है.
एक तरफ सरकार पचास वर्ष पूरे होने की खुशी में सरकारी खजाने को पानी की तरह बहा रही है. वहीं दूसरी ओर हरियाणा में लाखों युवा बेरोजगार हैं. इसका अंदाजा आप इससे लगा सकते है कि महर्षि दयानन्द विश्वविधालय रोहतक में 92 चपरासी पद के लिए 22 हजार आवेदन आए. चपरासी की इस नौकरी के लिए आवेदन करने वालों में एमए, एमबीए, बीएड, जेबीटी, बीए, बारहवीं कर चुके लोग शामिल है, जबकि चपरासी पद की शैक्षणिक योग्यता महज आठवीं पास है.
महर्षि दयानन्द विश्वविधालय रोहतक के कैम्पस में दूरदराज से आये युवक युवतियों सुबह से लंबी-लंबी लाइनों में लग कर पहले फॉर्म खरीदा और उसके बाद भर कर उसे जमा कर रहे थे. 92 चपरासी पद के लिए एक साल अनुबंधित (कॉन्ट्रेक्ट) आवेदन मांगे हैं, जिसके लिए जिसकी शैशणिक योग्यता आठवीं पास है. साथ ही वेतन 8800 रुपये प्रति महीना है.
आए हुए आवेदको में से एक ज्योति ने बताया कि उसने एमबीए और बी फार्मा पास है. यहां चपरासी के लिए फार्म भरा है. उन्होंने कहा कि सरकार रोजगार देती नहीं है. सरकार बहुत कम सरकारी नौकरी निकालती है. उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों में पैसा व शिफारिश चलती है. उम्मीद है कि चपरासी की नौकरी मिल जाए उसके लिए कोशिश कर रही हूँ .वहीं दिनेश ने बताया की वह इस पद के लिए फार्म भरने भिवानी से आए है. उसने एमए के साथ वेटनरी कोर्स, बस परिचालक का कोर्स, डेयरी फार्मिंग कोर्स किया हुआ है. उनका कहना था कि वैसे ही हम जरनल कैटगरी से है, तो जॉब तो वैसे भी नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि ‘मैने और भी जगह नौकरी के लिए कोशिश की पर मिली नहीं.
वहीं जेबीटी और बीए पास आवेदकों का भी यह कहना था हरियाणा में बेरोजगारी के कारण उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है. यहां आवेदन किया ताकि रोजगार मिल सके. एक साल के अनुबंध के आधार पर आवेदन मांगे गये है. .
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