उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकी बसपा प्रमुख सुश्री मायावती प्रदेश में कर्मचारियों की कोरोना से मौत को लेकर काफी चिंतित हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने राज्य सरकार से शुक्रवार को मांग की कि वह उन सरकारी कर्मियों के आश्रितों को नौकरी एवं आर्थिक मदद मुहैया कराए, जिनकी पंचायत चुनाव में तैनाती के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण मौत हो गई। मायावती ने उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ”कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते यदि उत्तर प्रदेश सरकार पंचायत चुनाव टाल देती, अर्थात उन्हें थोड़ा आगे बढ़ा देती, तो यह उचित होता और चुनाव ड्यूटी में लगे कई कर्मचारियों की मौत नहीं होती। इन कमियों की मौत होना अत्यंत दुःखद है।”
1. कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते यदि यू.पी. सरकार पंचायत चुनाव टाल देती, अर्थात् थोड़ा आगे बढ़ा देती तो यह उचित होता और फिर चुनाव डयूटी में लगे काफी कर्मचारियों की मृत्यु नहीं होती, जो अति-दुःखद। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) April 30, 2021
मायावती ने मांग की कि राज्य सरकार उन सरकारी कर्मियों के आश्रितों को नौकरी एवं आर्थिक मदद मुहैया कराए, जिनकी पंचायत चुनाव में तैनाती के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण मौत हो गई।
2. यू.पी. सरकार ऐसे सभी मृतक कर्मचारियों के आश्रित परिवार को उचित आर्थिक मदद करने के साथ ही उनके एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी जरूर दे, बी.एस.पी. की यह माँग। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) April 30, 2021
उन्होंने कहा, ”इसके साथ ही, अब कोरोना वायरस प्रकोप के गांव-देहात में भी काफी फैलने की आशंका है। ऐसी स्थिति में बसपा की सलाह है कि उत्तर प्रदेश सरकार शहरों के साथ-साथ देहात में भी कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाए।”
गौरतलब है कि मायावती लगातार पंचायत चुनाव को टालने की मांग करती रही हैं। लेकिन सरकार ने हर किसी की मांग को ताक पर रख कर जिस तरह पंचायत चुनाव कराया, उससे कर्मचारियों में काफी रोष है। पूरे प्रदेश से लगातार कर्मचारियों की मृत्यु की खबरें आ रही है। ऐसे में बड़ा सवाल उनके आश्रितों का है कि आखिर अब उनका भरण-पोषण कैसे हो पाएगा।

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