नई दिल्ली। रामनवमी को हथियारबंद प्रदर्शन और उसके बाद पश्चिम बंगाल में फैली हिंसा पर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भाजपा को आरे हाथों लिया है. बसपा प्रमुख ने एक बयान जारी कर कहा है कि बिना उचित सरकारी अनुमति के अवैध यात्रा व हथियारबंद प्रदर्शन करने को भाजपा के नेताओं ने अपना नया फैशन बना लिया है. यह अनुचित और गैरकानूनी है. यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी के कासगंज में भी इसी कारण सांप्रदायिक दंगा भड़काया गया था.
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि शान्ति व कानून-व्यवस्था को खराब करने वाली ऐसी गैर-कानूनी हरकतों को रोकने के बजाय बीजेपी व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार दोहरा मापदण्ड अपना कर इसे प्रश्रय व बढ़ावा देने का गलत प्रयास कर रही है. ममता बनर्जी का पक्ष लेते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि ऐसे मामलों में बिहार व पश्चिम बंगाल के विरूद्ध दोहरा मापदण्ड अपनाया जा रहा है क्योंकि बिहार में इनकी गठबंधन सरकार है तथा बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल सरकार.
उन्होंने कहा कि ऐसी कानूनी कार्रवाई करने पर बंगाल सरकार को कठघरे में खड़ा करने की केन्द्र सरकार का षडयंत्र निन्दनीय है, जबकि बिहार में ऐसे ही मामले में बीजेपी के केन्द्रीय मंत्री के पुत्र को वहाँ की सरकार बचाने का काम कर रही है और उसकी गिरफ्तारी से बच रही है. बसपा प्रमुख ने सवाल उठाया कि केन्द्र सरकार का कानून-व्यवस्था, अमन-चैन व सौहार्द के मामले में ऐसा दोहरा मापदण्ड क्यों.
कासगंज हिंसा का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा कि ऐसे ही बिना उचित कानूनी अनुमति के ही तिरंगा यात्रा निकालने के कारण उत्तर प्रदेश के कासगंज में साम्प्रदायिक दंगा भड़का था और योगी सरकार का दामन पर भी दंगा के दाग लग गया था. उन्होंने कहा कि सरकार चाहे किसी की भी हो कानून से खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को भी नहीं दी जानी चाहिये, परन्तु बीजेपी द्वारा बात-बात पर यात्रा व हथियारबंद अवैध प्रदर्शन एक फैशन बन गया है जिसे सख्ती से निपटने की जरूरत है. यह तभी संभव है जब केन्द्र सरकार तटस्थ व निष्पक्ष होकर व्यवहार करेगी जोकि अभी तक देखने को नहीं मिल रहा है.

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