नई दिल्ली। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि आरएसएस का दिल्ली में तीन दिनों तक चला बहु-प्रचारित संवाद राजनीति से ज्यादा प्रेरित था. यह भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार की विफलता से चुनाव के समय लोगों का ध्यान बंटाने के लिए किया गया.
बसपा सुप्रीमो ने जारी बयान में कहा है कि केंद्र सरकार की विफलताओं से जनता के गुस्से से आरएसएस भी चिंतित है. उसने भाजपा की जीत के लिए सब कुछ दांव पर लगा दिया था. अब इन विफलताओं से ध्यान बांटने का इस तरह का प्रयास सफल होने वाला नहीं है. कहा, ‘अयोध्या में जन्मभूमि पर मंदिर बने और अगर मुसलमान खुद बनवाते हैं तो बरसों से उन पर उठ रही अंगुलियां झुक जाएंगी’
संबंधी आरएसएस प्रमुख के बयान से बसपा सहमत नहीं है. एक नहीं बल्कि अनेकों मंदिर बन जाएं तब भी संकीर्ण संघी हिंदु व मुसलमान के बीच रिश्ते सुधारने वाले नहीं हैं. इनकी बुनियादी सोच व मानसिकता दलित, मुस्लिम व अन्य अल्पसंख्यक विरोधी है.
मायावती ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए ‘तीन तलाक’ अध्यादेश को पूरी तरह राजनीति से प्रेरित बताया है. उन्होंने कहा कि यह लोगों का ध्यान हिंदू-मुस्लिम की तरफ भटकाने की कोशिश भर है. भाजपा इस तरह के संवेदनशील मुद्दों पर भी स्वार्थ की राजनीति कर रही है.
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