नई दिल्ली। तीसरे मोर्चे की संभावना को टटोलने के लिए ममता बनर्जी दिल्ली में हैं. तकरीबन दर्जन भर विपक्षी नेताओं से मिलने के बाद ममता के निशाने पर भाजपा के बागी नेता हैं. अपने दिल्ली दौरे के तीसरे दिन ममता बनर्जी ने भाजपा से रुठे दिग्गज नेता शत्रुघ्न सिन्हा, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी से मिलने की कवायद में जुटी रहीं. हालांकि इस बीच ममता बनर्जी बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती पर भी नजर बनाए हुए हैं.
ममता बनर्जी ने खुद मायावती की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है. पिछले दिनों यूपी के राज्यसभा चुनाव के बाद मायावती ने भाजपा की जमकर खबर ली थी और अखिलेश यादव के साथ उत्तर प्रदेश में गठबंधन जारी रखने की बात कही थी. इसके बाद ही दीदी ने भी बंगाल से ही बहनजी के सुर में सुर मिलाया था. ममता बनर्जी ने कहा था, ‘मैं मायावती जी द्वारा व्यक्त किए गए विचारों का स्वागत करती हूं. इस मिशन में मैं भी उनके साथ हूं.’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया, ‘मैं मायावती जी द्वारा व्यक्त किए गए विचारों का स्वागत करती हूं. हम राष्ट्र के लिए मिशन में मजबूती के साथ उनके और अखिलेश यादव के साथ हैं.’
हालांकि दीदी की ममता पर बसपा प्रमुख ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. लेकिन जिस तरह ममता बनर्जी तीसरे मोर्चे को लेकर गंभीर हैं, वह बिना सपा और बसपा के समर्थन के मुकम्मल नहीं हो सकता है, क्योंकि कोई भी मोर्चा उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों की अनदेखी नहीं कर सकता है. और अगर बात गैर भाजपा और गैर कांग्रेस दलों की हो तो यूपी में सबसे बड़ी ताकत सपा और बसपा ही है.
लेकिन यहां देखने वाली बात यह होगी कि क्या मायावती भी ममता बनर्जी के साथ जाना चाहेंगी?असल में इसकी संभावना कम दिखती है, क्योंकि एनडीए से पहले संप्रग की सरकार को मायावती ने लगातार दस साल तक अपना समर्थन दिया था. हाल ही में सोनिया गांधी द्वारा विपक्षी दलों की बुलाई गई बैठक में भी बसपा की ओर से सतीशचंद्र मिश्रा शामिल हुए थे. हालांकि बसपा प्रमुख मायावती ने भी खुलकर ममता बनर्जी के बारे में अभी तक कुछ नहीं कहा है.

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