मध्य प्रदेश के धार जिले से एक चौंकाने वाली खबर आई है. इस खबर से पता चलता है कि जातिवादियों की सोच कितनी घटिया है. जिले में पिछले दिनों पुलिस कॉन्सटेबल की भर्ती का अभियान चलाया गया और इन दिनों उनका स्वास्थ्य परीक्षण चल रहा है. जिसमें सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये 168 सेमी. और एससी-एसटी के लिये 165 सेमी. लंबाई तय है.
यहां आए उम्मीदवारों की पहचान के लिए जिला अस्पताल ने एक अनोखा तरीका अपनाया. उम्मीदवारों के मेडिकल टेस्ट के दौरान उनके सीने पर एससी-एसटी लिख दिया गया. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अब गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने जांच के आदेश दिये हैं.
मामले सामने आने के बाद पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला लीपापोती में लग गए हैं. उनका कहना है कि हर वर्ग के लिए शारीरिक माप के मापदंड अलग-अलग होते हैं, इसलिए ऐसी पहचान करना होती है. पन्ना जिले में एक आरक्षित वर्ग की महिला प्रत्याशी की माप में गड़बड़ी हो गई थी इसलिए एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया था. हालांकि उन्होंने मामले की जांच के आदेश देकर इसे शांत करने की कोशिश शुरू कर दी है.
दूसरी ओर मामले के तूल पकड़ने के बाद अब इससे जुड़े लोगों ने एक-दूसरे पर आरोप मढ़ने शुरू कर दिए हैं. टेस्ट के दौरान मौजूद टीआइ नानूराम वर्मा ने कहा कि मेडिकल बोर्ड के सदस्य डॉ. जितेंद्र चौधरी के कहने पर इस तरह का कदम उठाया गया, जबकि जितेन्द्र चौधरी इससे इंकार कर रहे हैं.
इस मुद्दे को लेकर कुछ सामाजिक संगठनों ने भी मोर्चा खोल दिया है. कुल मिलाकर इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि समाज में हर स्तर पर लोगों के मन में जाति व्यवस्था किस कदर कायम है.

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