नई दिल्ली/रांची। झारखंड की महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में शुरू की गई मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना को अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी पहचान मिल रही है। विश्व बैंक ने इस योजना की सराहना करते हुए इसे गरीबी उन्मूलन और आर्थिक सशक्तिकरण का बेहतरीन मॉडल करार दिया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिल्ली में विश्व बैंक के भारत निदेशक ऑगस्ट तोनो कामे से मुलाकात की। इस दौरान तोनो कामे ने झारखंड सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को “असरदार और अनुकरणीय” बताया और कहा कि “यह पहल महिलाओं के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।”
इस योजना के तहत अब तक 56 लाख से ज्यादा महिलाओं को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे खाते में 1415 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी जा चुकी है। योजना का उद्देश्य महिलाओं को स्वावलंबी, आर्थिक रूप से मजबूत और निर्णयात्मक भूमिका में लाने का है।
विश्व बैंक की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया कि वे झारखंड सरकार के साथ मिलकर भविष्य में डिजिटल डिजाइनिंग, तकनीकी मजबूती, वित्तीय समावेशन और अन्य परियोजनाओं में सहयोग बढ़ाएंगे। उन्होंने झारखंड मॉडल को अन्य विकासशील देशों के लिए प्रेरणादायक बताया। इस उपलब्धि से साफ है कि अगर वंचित समाज के हाथ में सत्ता की चाभी आती है तो वह किस तरह से कमाल कर के दिखाती है।

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