लखनऊ। उत्तर प्रदेश बोर्ड की परीक्षा को लेकर कुछ बदलाव किए गए हैं. यह जानकारी परीक्षा में बैठने वाले बच्चों से लेकर उनके अभिभावकों के लिए महत्वपूर्ण है. अगले वर्ष से यूपी बोर्ड में हर विषय के दो पेपर होने की बजाय एक ही पेपर की परीक्षा होगी. कई बार बेवजह परीक्षाओं की तारीखें बढ़ती रहती थी, आने वाले साल से परीक्षाओं को भी 15 दिन में समेटा जाएगा. इसे वर्ष 2018-19 के शैक्षिक सत्र में लागू कर दिया गया है.
माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव नीना श्रीवास्तव के मुताबिक, इस सत्र से एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू हो रहा है. सीबीएसई में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू है और वहां हाईस्कूल व इंटर में हर विषय के एक-एक प्रश्नपत्र की परीक्षा होती है. एक ही पेपर होने से एक तरफ जहां विद्यार्थियों पर दबाव कम होगा वहीं मूल्यांकन व परीक्षा परिणाम तैयार करने में भी कम समय लगेगा. वहीं उत्तर पुस्तिकाएं और प्रश्नपत्र भी कम छपवाने पड़ेंगे. एनसीईआरटी ने दो की जगह एक पेपर करने की सारी कवायद पूरी कर ली गई है. अब इसमें नौंवी और 11वीं के प्रश्न नहीं पूछे जाएंगे. अभी तक कक्षा 9-10 के सवाल हाईस्कूल में और 11-12वीं के पाठ्यक्रम के सवाल इंटरमीडिएट में पूछे जाते थे.
वहीं अगले वर्ष भी बोर्ड परीक्षाएं फरवरी में करवाई जाएंगी. प्रयोगात्मक परीक्षाएं दिसंबर 2018 में शुरू होंगी. इसके लिए छात्र-छात्राओं के पंजीकरण के लिए वेबसाइट खोल दी गई है. परीक्षा के फॉर्म अगस्त में भरवाए जाएंगे. ऐसे में जरूरी है कि परीक्षार्थी और अभिभावक संभावित समय को ध्यान में रखते हुए परीक्षा की तैयारी करें.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।