हाल ही में अलग-अलग आरोपों में हिरासत में ली गई दलित मजदूर मानवाधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर रिहा हुई हैं। पूरे देश के मानवाधिकार एवं दलित अधिकार कार्यकर्ता इस बात की खुशी मना रहे हैं। इसी बीच दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीएमसी) ने रविवार (28 फरवरी) को रकाबगंज गुरुद्वारा परिसर में मजदूर व दलित अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर को सम्मानित किया। कमेटी ने यह भी घोषणा की कि वे नवदीप कौर के हक में कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे।
नवदीप कौर ने रविवार को दिल्ली दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों से मुलाकात की। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा जमानत पर करनाल जेल से बाहर चलने के 72 घंटे बाद कौर को ‘सिरोपा’ देकर से सम्मानित किया गया। इसी मौके पर नवदीप कौर ने अपने दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए घोषणा की कि मेरा संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि मेरे साथ अन्याय हुआ है और मैं न्याय के लिए लड़ाई लडूंगी।
गौरतलब है कि नवदीप कौर और एक अन्य दलित कार्यकर्ता शिवकुमार के साथ कथित तौर पर पुलिस की हिरासत में यौन हिंसा एवं हिंसा के आरोप लगे हैं। कुछ दिन पहले ही कुमार शिव कुमार के मेडिकल रिकॉर्ड भी सामने आए है जिसमें उनकी शरीर में कई फ्रैक्चर्स की बात सामने आई है। इन निराश करने वाली खबरों के बाद सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा दलितों एवं मजदूरों के पक्ष में खुलकर सामने आना एक बड़ी घटना है।
यह खबर एक खास मायने में और भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। एक तरफ जाट समुदाय और दलित पंचायतें एक दूसरे के समर्थन में उतर आई हैं। दूसरी तरफ सिखों की धार्मिक संस्था द्वारा मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की कानूनी मदद की घोषणा करना एक बड़े बदलाव की दिशा में पहला कदम नजर आता है। इस प्रकार ना केवल किसान आंदोलनकारियों का हौसला बढ़ेगा बल्कि दलितों मजदूरों के मानवाधिकार के हक में उठ रही आवाजें भी मजबूत होंगी।

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