राजस्थान के पहले दलित मुख्यमंत्री और कद्दावर कांग्रेस नेता जगन्नाथ पहाड़िया का 19 मई को निधन हो गया। वे 89 साल के थे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री मोदी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित तमाम नेताओं ने शोक प्रकट किया है। राजस्थान सरकार द्वारा उनके निधन पर एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। इस दौरान प्रदेश के सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
उनका जन्म 15 जनवरी 1932 को राजस्थान के भरतपुर में एक दलित परिवार में हुआ था। वे 6 जून 1980 से 14 जुलाई 1981 तक 13 महीने राजस्थान के मुख्यमंत्री रहें। वो सन् 1957 में सबसे कम उम्र के सांसद बने थे। जब वे सांसद चुने गए तब उनकी उम्र सिर्फ 25 साल और तीन महीने थी। पंडित नेहरू ने दिल्ली में उनसे हुई पहली मुलाकात के बाद उनसे प्रभावित होकर उन्हें कांग्रेस का टिकट दिया था। इसके अलावा इंदिरा गांधी की सरकार में बतौर मंत्री उनके पास वित्त, उद्योग, श्रम एवं कृषि जैसे विभाग रहें। वे 1989 से 1990 तक एक साल के लिए बिहार और 2009 से 2014 तक हरियाणा के राज्यपाल रहें।
जगन्नाथ पहाड़िया एक कद्दावर जननेता थे। वे 1957, 1967, 1971 और 1980 में सांसद रहे। जबकि बाद के दिनों में कई बार विधायक भी बनें। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके निधन पर ट्विट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया कोरोना से पीड़ित थे और दिल्ली के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। गौरतलब है कि उनकी पत्नी भी इलाज के लिए दिल्ली के अस्पताल में भर्ती हैं।

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।