सहारनपुर। पुलिस द्वारा जातीय हिंसा के आरोप में बंद किये भीम आर्मी जिलाध्यक्ष कमल वालिया का कल जन्मदिन था. जिसके लिए जेल प्रशासन से जन्मदिन मनाने की इजाजत मिल गयी थी. गुरुवार को कमल की बर्थडे-पार्टी के लिए उसकी मां कांति देवी, पत्नी काजल, बेटा कौशिक, कार्तिक, बेटी कीर्ति तथा भाई सचिन, विपिन व अन्य कुछ परिचित केक व मिठाई लेकर जेल पहुंचे थे. जिसके कुछ देर बाद विरोधी दल व मीडिया भी पहुंच गई.
कुछ देर बाद जेलर राजीव मिश्र ने परिजनों को जेल के अंदर जाने से साफ मना कर दिया. जेलर मिश्र ने परिजनों द्वारा लाए गए केक, मिठाई व जूस को बाहर फिंकवा दिया. इसके बाद जेलर पूरे मामले में लीपापोती करने में जुट गए. मीडिया से बातचीत में जेलर राजीव मिश्र ने कहा की जन्मदिन मनाने की इजाजत नहीं दी गयी, जेल गेट के अंदर जाने से पहले ही केक व मिठाई को फिकवा दिया गया है.
वहीं डीएम पीके पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि कमल के परिजन केक लेकर जेल पहुंचे जरूर थे, मगर उसे अंदर जाने नहीं दिया गया. गेट के बाहर ही केक को रखवा दिया था.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।