उत्तर प्रदेश में गंगा नदी में लाशों के अंबार से हड़कंप मच गया है। पिछले दिनों बिहार के बक्सर में गंगा नदी में तैरती लाशें देखी गई थी, तो वहीं अब उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में नदी में तैरती लाशें दिखने से कोहराम मच गया है। सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें तैरती लाशें दिख रही हैं। ये लाशें कहां से आई है, आधिकारिक तौर पर कहने से हर कोई बच रहा है, लेकिन चर्चा है कि कोरोना से हुई मौतों के बाद कई लोग अपने परिजनों की लाशों को बहा दे रहे हैं।
उत्तर प्रदेश से बिहार में प्रवेश करने वाली गंगा नदी में बिहार के बक्सर जिले के चौसा गांव में बड़ी संख्या में लाशें तैरती हुई देखी गई। यह बात सामने आने पर बक्सर के डिस्टिक मजिस्ट्रेट ने सोमवार 10 मई कोएक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान 30 लाशों के गंगा नदी में पाए जाने की बात स्वीकार की थी और इनका विधिवत अंतिम संस्कार करने के इंतजाम किए। इन लाशों का अंतिम संस्कार चौसा गांव के चरित्र-वन और चौसा महादेव घाट पर किया जा रहा है।

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।