भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में बौद्ध धर्म से संबंधित सभी पाठ्यक्रमों का एक डाटाबेस तैयार करने की योजना बन रही है। भारत का शिक्षा मंत्रालय देश में सभी विश्वविद्यालयों से जानकारी जुटाकर ऐसा डाटाबेस तैयार करने जा रहा है। इस डाटाबेस में बौद्ध धर्म के सभी विद्वानों, पाली भाषा के विद्वानों, पूर्व छात्रों और वार्षिक सम्मेलन और सहित विश्वविद्यालय द्वारा बौद्ध धर्म पर आयोजित सेमिनार, कॉन्फ्रेंस, कांक्लेव इत्यादि का पूरा लेखा-जोखा रखा जाएगा। इस संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग मैं सभी विश्वविद्यालय में उसे कहा है कि वह बौद्ध धर्म से संबंधित अपने सभी कार्यक्रमों एवं पाठ्यक्रमों के बारे में जरूरी जानकारी डेटाबेस के लिए भेजें।
यूजीसी द्वारा सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को एक पत्र लिखा गया है। इस पत्र में यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने अन्य जानकारियों के अलावा पाठ्यक्रम का नाम, छात्रों की संख्या, शोध विद्वानों की संख्या, इत्यादि का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत करना जरूरी होगा। यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से यह भी कहा गया है कि वे इस पत्र के जुड़े ऑनलाइन फॉर्म के माध्यम से अपने विश्वविद्यालय में प्रस्तावित ऐसे पाठ्यक्रमों की जानकारी भी दें। इस प्रकार ना केवल अभी तक चलाए जा रहे बौद्ध धर्म से संबंधित पाठ्यक्रमों के बारे में, बल्कि भविष्य में आने वाले ऐसे पाठ्यक्रमों की जानकारी भी शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों से मांगी है।
इस योजना के बारे में कहा जा रहा है कि भारत सरकार विभिन्न प्रयासों के माध्यम से बौद्ध संस्कृति से जुड़ी परंपराओं को प्रकाश में लाना चाहती है। हालांकि इस बात की भी संभावना है कि इस प्रकार जानकारी जुटाने की पहल भारत में बढ़ रहे बौद्ध धर्म के बढ़ते प्रभाव के डर के कारण की जा रही हो। बीजेपी एवं आरएसएस की विचारधारा से हटकर अगर कहीं किसी विश्वविद्यालय में बौद्ध धर्म की शिक्षा दी जा रही हो तो उसकी जानकारी सरकार को देने के लिए संभवत यह योजना बनाई गई है।
आभार NDTV Education

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