कांग्रेस पार्टी अक्सर भाजपा शासित राज्यों में दलितों पर अत्याचार को बड़ा मुद्दा बनाती रही है। लेकिन कांग्रेस के शासन वाले राज्यों में भी स्थिति बेहतर नहीं है। राजस्थान के भरतपुर जिले में अंबेडकर जयंती मना रहे दलित समाज के लोगों पर जातिवादी गुंडों द्वारा हमले के बाद अब गांव के दलित पलायन कर रहे हैं। भरतपुर के कुम्हेर थाना इलाके के गांव सह से दलितों ने गांव छोड़ना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि जातिवादी गुंडों ने उनका गांव में रहना मुश्किल कर दिया है, इसलिए अब वह गांव छोड़ रहे हैं।
दरअसल बीते 14 अप्रैल को बाबसाहेब की जयंती के दिन रैली निकाल रहे दलितों पर गांव के ही गुर्जर समाज के लोगों ने हमला कर दिया था। उनके साथ मारपीट की गई और अंबेडकर जयंती मनाने के लिए लगाए गए पंडाल में आग लगा दी गई। इस हमले में दलित समाज के कई लोग घायल हो गए। पीड़ित दलित समाज के लोगों का आरोप है कि पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है।
पीड़ित समाज का आरोप है कि गाँव में दलितों के सौ घर हैं जबकि गुर्जरों के 300 घर हैं। वो हमेशा उनके साथ अत्याचार करते हैं और इस बार तो स्थिति हद से पार हो गई। दलित समाज के लोगों का पलायन लगातार जारी है, लेकिन पुलिस प्रशासन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। बताते चलें कि अंबेडकर जयंती को लेकर अक्सर देश के तमाम हिस्सों से इस तरह की खबरें आती है, जब वंचित समाज को हतोत्साहित करने के लिए उन्हें अंबेडकर जयंती मनाने से रोका जाता है। या फिर इस दौरान किसी न किसी बहाने उनसे मारपीट की जाती है।
दूसरी ओर अपने बचाव के लिए गुर्जर समाज के लोग आरोप लगा रहे हैं कि दलित समाज के लोगों ने जयंती के दौरान नशा कर रखा था और उनकी महिलाओं को छेड़ रहे थे। हालांकि यहां सवाल यह है कि दलित समाज के जो लोग सालों भर जातिवादियों का अत्याचार झेलते हैं, वो उनकी महिलाओं को छेड़ने की कोशिश आखिर कैसे कर सकते हैं। देखना होगा कि इस मामले में दलितों को इंसाफ दिलाने के लिए राजस्थान सरकार क्या फैसला लेती है।

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