आगरा। जहां एक तरफ योगी सरकार महिलाओं को अत्याचार से बचाने और उन्हें हर संभव सहायता करने और न्याय दिलाने की बात करती है वहीं दूसरी तरफ पीड़िताओं को न्याय के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है. ऐसा ही एक मामला ताजनगरी आगरा में सामने आया है. आगरा में एक दलित गैंगरेप पीड़िता ने सीएम योगी और राज्य के डीजीपी को ट्वीट कर इच्छा मृत्य की मांग की है पीड़िता ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘मैं एक दलित लड़की हूं जिसके साथ दो मई को सामूहिक बालात्कार होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. मुझे न्याय दिलाएं नहीं तो मुझे इच्छा मृत्यु की इजाजत दें.’
गैंगरेप पीड़िता ने पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न करने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है. पीड़िता आगरा के खंदारी स्थित राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के निवास पर अपनी शिकायत लेकर पहुंची थी. जहां उसने आयोग के चेयरमेन राम शंकर कठेरिया से मुलाकात की और अपनी व्यथा सुनाई.
26 वर्षीय पीड़िता दलित युवती ने बताया कि उसने थाना सिकंदरा में गैंगरेप का मुकद्दमा दर्ज कराया था. पीड़िता का आरोप है कि उसके साथ सामूहिक बलात्कार की घटना 2 मई को सिकंदरा थाना क्षेत्र के कारगिल पेट्रोल पंप के पास एक ऑफिस में हुई. जिसके बाद लगातार अधिकारियों के यहां गुहार लगाने के बाद 16 जून को पीड़िता की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा कायम किया गया. मुकदमे में रेप के साथ एससी-एसटी की धारा भी शामिल है. इसके बाद भी पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है.
पीड़िता ने बताया कि आरोपी पवन वर्मा, अनिल, धीरज और गगन मुकदमा वापस न लेने पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. पीड़ित ने बताया की उसके परिवार ने लोकलाज के चलते उसे घर से निकाल दिया है. अब वो अकेले ही रह रही है.
सदर थाना क्षेत्र के एक चौकी इंचार्ज पर पीड़िता ने गंभीर आरोप लगाए हैं. पीड़िता का कहना है कि न्याय दिलवाने की बात कहकर दरोगा उसके साथ गलत काम करना चाहता है. इस पूरे मामले की बातचीत का ऑडियो पीड़िता द्वारा पुलिस अधिकारी को सौंप दिया गया है. उसके बाद भी उक्त दरोगा पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
वहीं पीड़िता की व्यथा सुनने के बाद एससी आयोग के चेयरमैन राम शंकर कठेरिया ने हर संभव मदद का आश्वासन देते हुए पीड़िता को जल्द न्याय दिलवाने की बात कही है।
सामूहिक बलात्कार का दंश झेल रही पीड़िता को मुकदमा दर्ज कराए हुए डेढ़ महीने हो गए. इतने दिन बीत जाने के बावजूद भी आगरा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है जो उनकी लापरवाही की ओर साफ इशारा कर रही है. पुलिस की कार्यप्रणाली से दुखी पीड़िता ने अब मुख्यमंत्री को ट्वीट कर इच्छा मृत्यु की मांग की है. जो योगी सरकार के पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने के वादों पर भी सवालिया निशान खड़ा कर रही है.

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