
नई दिल्ली। हर साल की भांति इस साल भी विश्व पुस्तक मेला आ चुका है। किताबों की यह दुनिया देश की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में 5 जनवरी से 13 जनवरी तक सजेगी। विश्व पुस्तक मेले की खासियत यह है कि यहां देश-दुनिया के तमाम भाषाओं कि किताबें मिलती है। यह मेला सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक चलता है।
नौ दिनों तक पुस्तक मेला दलित-बहुजन साहित्यकारों की गतिविधियों का भी केंद्र रहेगा। विश्व पुस्तक मेले में अम्बेडकरी साहित्य की मौजूदगी की बात करें तो पिछले कुछ सालों में यहां अम्बेडकरी, बहुजन और बौद्ध साहित्य की मांग काफी बढ़ी है। आलम यह है कि सामान्य प्रकाशकों से ज्यादा भीड़ बहुजन साहित्य उपलब्ध कराने वाले स्टॉल पर रहती है। अम्बेडकरी और बौद्ध आंदोलन से जुड़े लोगों की इस मांग को पूरा करने के लिए हर साल की भांति इस साल भी बहुजन समाज के प्रकाशक विश्व पुस्तक मेले में मौजूद रहेंगे। इसमें सम्यक प्रकाशन, गौतम बुक सेंटर और दलित दस्तक का नाम खासतौर पर लिया जा सकता है। इन तीनों स्टॉलों से आप बहुजन साहित्य ले सकते हैं। पाठकों के लिए अच्छी बात यह है कि तीनों स्टॉल प्रगति मैदान के हॉल नंबर 12A में हैं।
सम्यक प्रकाशन का स्टॉल नंबर 147 से 150 तक है। जबकि गौतम बुक सेंटर का स्टॉल नंबर 38 है। जहां तक दलित दस्तक की बात है तो इसका स्टॉल नंबर 331 है। दलित दस्तक के स्टॉल से आप ‘दलित दस्तक’ मासिक पत्रिका की सदस्यता भी ले सकते हैं। (यहां से सभी कैलेंडर का पेज दिखाना है। लिंक नीचे दे रहा हूं, वहां मिल जाएगा) इसके अलावा स्टॉल पर बहुजन नायकों के भव्य चित्रों और उनके विचारों से सजा साल 2019 का भव्य बहुजन कैलेंडर भी ले सकते हैं। इस कैलेंडर की चर्चा मीडिया और बुद्धिजीवियों में भी है। (यहां कैलेंडर का लिंक दिखाना है।)

दलित दस्तक के ही प्रकाशन “दास पब्लिकेशन” द्वारा प्रकाशित तकरीबन दर्जन भर विशेष पुस्तकें भी इस स्टॉल पर रहेंगी। इसमें सहारनपुर और भीम आर्मी से जुड़े पूरे घटनाक्रम की पड़ताल करती नई प्रकाशित पुस्तक शब्बीरपुरः जलते घर-सुलगते सवाल और 50 बहुजन नायक सहित अन्य किताबें मिलेंगी।
कुल मिलाकर विश्व पुस्तक मेले के भीतर अम्बेडकरी साहित्य की एक अलग दुनिया सजेगी। दलित दस्तक आप सबका विश्व पुस्तक मेले में स्वागत करता है।

अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।