बसपा प्रमुख और दलित समाज की सबसे बड़ी नेता बहन मायावती को लेकर ओछी टिप्पणी करने वाले औसत अभिनेता और फूहड़ इंसान रणदीप हुड्डा पर गाज गिर गई है। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री बहन मायावती पर की गई टिप्पणी के वायरल होने के बाद संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें अपने एंबेसडर के पद से हटा दिया है।
रणदीप हुड्डा को संयुक्त राष्ट्र की जंगली जानवरों की प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण संबंधी संधि जिसे CMS कहा जाता है, उसके राजदूत के पद से हटा दिया है। सीएमएस सचिवालय ने 27 मई को एक बयान जारी कर वीडियो में रणदीप हुड्डा द्वारा की गई टिप्पणी को आपत्तिजनक बताया। साथ ही कहा कि रणदीप की टिप्पणी सीएमएस सचिवालय या संयुक्त राष्ट्र के मूल्यों को नहीं दर्शाती और हुड्डा अब सीएमएस के राजदूत नहीं हैं। बता दें कि रणदीप को फरवरी 2020 में तीन साल के लिए राजदूत नियुक्त किया गया था, जिसके तहत उन्हें तमाम सुविधाएं मिलती थी, जो अब नहीं मिलेगी। यह रणदीप के लिए एक बड़ा झटका है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी बदनामी हुई है।
गौरतलब है कि नौ साल पुराने एक वीडियो में रणदीप हुड्डा ने मायावती का नाम लेते हुए आपत्तिजनक चुटकुला सुनाया था। इसका वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद मामला गरमा गया। रणदीप के इस कथित चुटकुले को ‘सेक्सिस्ट’, ‘स्त्री विरोधी’ और ‘जाति सूचक’ कहकर कड़ी आपत्ति की गई। और इसे यूपी की पहली दलित मुख्यमंत्री मायावती से जोड़ कर देखा गया।
तमाम लोगों ने इस पर विरोध दर्ज कराया। ट्विटर पर हैशटैग #अरेस्टरणवीरहुड्डा ट्रेंड करने लगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग भी की गई। हालांकि सीएमएस ने रणदीप हुड्डा के खिलाफ जिस तेजी से कार्रवाई की, वह काबिले तारीफ है। लेकिन सीएमएस द्वारा राजदूत का पद छीने जाने के बावजूद अंबेडकरवादी समाज रणदीप की गिरफ्तरी की मांग को लेकर अड़ा हुआ है और बी ग्रेड अभिनेता रणदीप हुड्डा को माफ करने के मूड में नहीं है। अंबेडकरवादी इस मामले में जिस तरह अपने समाज की नेत्री के साथ खड़े हुए हैं, वह दलितों के खिलाफ बेदूहा कमेंट करने वालों के लिए एक बड़ा सबक है। उम्मीद है रणदीप हुड्डा अब अपनी औकात में रहेगा।

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सर एसे ही एक न्यूज चैनल बहुजनो को खोलना चाहिए
ताकि हमारे लोग मोदी का परचार ना देखें
हमारी कोशिश जारी है। आपलोग हाथ मजबूत करिए, एक दिन जरूर होगा।