केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने स्कूलों में नैतिक शिक्षा देने का प्लान बनाया हैं। सीबीएसई अपने विद्यार्थियों को ऐसा नागरिक बनाना चाहती हैं , जिनमे शांति, सौहार्द्र, विनम्रता एवं सहयोग के मूल्यों हों। इसके लिए सीबीएसई ने रामकृष्ण मिशन के साथ गठजोड़ किया है. मिशन ने छठी से लेकर नौवीं कक्षा के बच्चों के लिए 3 साल का कार्यक्रम तैयार किया है। इस बारे में सीबीएसई और रामकृष्ण मिशन के बीच 2014 में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया गया था. इसके तहत स्कूलों में ‘जागरूक नागरिक कार्यक्रम’ का आयोजन किया जायेगा लेकिन विद्यालयों द्वारा उसका क्रियान्वयन ऐच्छिक है .
सीबीएसई ने विद्यालयों में एक परिपत्र भी भेजी है जिसमे कहा की शांति, सौहार्द्र, करुणा एवं विनम्रता जैसे मूल्य सदियों से हर समाज के विमर्श का भाग रहे हैं और उनकी आवश्यकता एवं महत्व को सार्वभौमिक रूप से स्वीकार एवं महसूस किया गया है. इस उद्देश्य के लिये रामकृष्ण मिशन उपकरण, कार्यक्रम सामग्री उपलब्ध कराने के साथ शिक्षकों को प्रशिक्षित करने में सहयोग करेगा . इस कार्यक्रम को चुनने वाले स्कूलों को साल में 16 कक्षाओं का आयोजन करना होगा और इसे तीन वर्ष तक जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त करनी होगी.
गन्धर्व गुलाटी

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