तिरुवनंतपुरम। सांप्रदाय़िक ताकतों ने इस बार एक प्रख्यात मलयाली लेखक केपी रमनउन्नीन को निशाना बनाया है. लेखक को धमकी भरा गुमनाम खत मिला है. उसमें आरोप लगाया गया है कि उनके हालिया लेखों की वजह से मुस्लिम युवक ‘भटक’ रहे हैं. उसमें चेतावनी देते हुए लिखा गया है कि वह अपनी हरकतों से बाज आएं और छह महीने के भीतर इस्लाम कबूल कर लें. यदि वह ऐसा नहीं करते तो उनके दाहिने हाथ और बाएं पैर को काट दिया जाएगा. रमनउन्नी को छह दिन पहले कोझिकोड स्थित आवास पर मिले इस खत के बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
इस मामले में लेखक का कहना है कि इस बात का कोई संकेत खत से नहीं मिलता कि इसके पीछे कौन है लेकिन ऐसा समझा जा रहा है कि इसको मलप्पुसरम जिले के मंजेरी से भेजा गया है. रमनउन्नी का कहना है कि पहले तो उन्होंने इस खत को नजरअंदाज किया लेकिन वरिष्ठ लेखकों की सलाह के बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने कहा, ”मुझे इस खत के पीछे की मंशा के बारे में नहीं पता. मैंने कोझिकोड पुलिस कमिश्नर के पास शिकायत दर्ज कराई और मामले को देखने का आग्रह किया है.”
पुलिस ने रमनउन्नी की शिकायत के आधार पर अपनी जांच शुरू कर दी है. रमनउन्नी उपन्यासकार और लघु कहानियां लिखते हैं. वह केरल साहित्य अकादमी अवार्ड और वायलार अवॉर्ड से सम्मानित हैं. उनके पहले उपन्यास ‘सूफी परांजा कथा’ पर फिल्म भी बन चुकी है. इसका तानाबाना एक मुस्लिम व्यक्ति और हिंदू महिला की प्रेम कथा के इर्द-गिर्द बुना गया है जिसके बाबत कुछ लोग भड़क गये हैं तभी यह हरकत की गयी है.

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