नागौर। राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद नागौर जिले का माहौल बेहद गर्म है. आनंदपाल की मौत के 18 दिन बाद उसका अंतिम संस्कार नहीं हो सका. बुधवार को प्रशासन और आनंदपाल के परिजनों के बीच हुई बातचीत बेनतीजा रही. फिर कुछ समय बाद राजपूत समाज हिंसा पर उतर आया. दो जगह हुई फायरिंग में 14 पुलिसकर्मियों सहित 20 लोग घायल हो गए. हालात को देखते हुए नागौर, चुरू, सीकर और बीकानेर में धारा 144 लागू कर दी गई है तथा इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है.
आनंदपाल के शव का अंतिम संस्कार करवाने के लिए पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ आनंदपाल के परिजनों और राजपूत समाज की समझौता वार्ता बुधवार देर रात तक जारी रही लेकिन कोई हल नहीं निकल सका. इधर राजपूत समाज की ओर से आनंदपाल के पैतृक गांव में आयोजित की गई श्रद्धांजलि सभा में हजारों की संख्या में लोग जुटे. दिनभर राजपूत नेताओं और आनंदपाल के परिजनों के भाषणों का दौर चला. लेकिन अचानक रात 8 बजे राजपूत समाज के लोग उग्र हो गए और नागौर के पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख के वाहन पर फायरिंग कर दी, इसमें 14 सिपाहियों के घायल होने की सूचना है.
जानकारी के अनुसार फायरिंग के दौरान गोली देशमुख के पास से निकली,लेकिन वे बच गए. एक अन्य स्थान पर पुलिस पर हुई फायरिंग में राजपूत समाज के ही छह लोग घायल हुए हैं. घायलों को एंबुलेंस से जयपुर के एसएमएस अस्पताल के लिए रवाना किया गया है. उग्र राजपूत समाज के युवकों ने डेगाना-रतनगढ़ रेल पटरी पर कब्जा कर लिया. इस कारण दो ट्रेनों को भी रोकना पड़ा. राजस्थान के कई जिलों का माहौल बेहद खराब है जिसके लिए पुलिस को दिशा निर्देष दे दिये गये हैं.

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