रांची। आदिवासी सरना महासभा का वार्षिक सम्मेलन 21 अगस्त को हुआ. यह सम्मेलन रांची के संगम गार्डेन मोरहाबादी में आयोजित हुआ. सम्मेलन का आयोजन पूर्व विधायक देवकुमार धान ने किया.
देवकुमार धान ने सम्मेलन में कहा कि आदिवासियों की रक्षा के लिए आदिवासी स्वयंसेवक संघ बनाने की जरूरत है, जो शिक्षा, अंधविश्वास उन्मूलन, आर्थिक विकास, राजनीतिक जागरूकता जैसे मुद्दों पर काम करेगा. संघ के गठन के बाद इसमें समाज के युवाओं को जोड़ा जाएगा.
उन्होंने कहा कि जनगणना प्रपत्र में आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड और इसके लिए किसी एक नाम पर सहमति बनाने के लिए 14 नवंबर 2017 को रांची तथा तीन एवं चार फरवरी 2018 को दिल्ली में सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. पांच फरवरी 2018 को नई दिल्ली के जंतर-मंतर में महाधरना देंगे. सरकार भूमि अधिग्रहण बिल में गलत संशोधन करने का प्रयास कर रही है.
देवकुमार धान ने कहा कि किसी परियोजना की शुरूआत से पहले सोशल इंपैक्ट के मूल्यांकन का प्रावधान समाप्त करना चाहती है. इसके खिलाफ लड़ेंगे. विश्वनाथ तिर्की ने कहा कि आदिवासियों को अपना अधिकार जानना होगा. मौके पर मांग की गई कि सरकार राजधानी रांची और दिल्ली में आदिवासी भवन बनवाये.

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