बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर की जयंती के ठीक पहले दलित दस्तक के हिस्से में एक और उपलब्धि आई है। खबर यह है कि ‘दलित दस्तक ग्रुप के यू-ट्यूब चैनल पर शोध कार्य हुआ है। हाशिये के समाज की आवाज़ को प्रमुखता से उठाने वाले यू-ट्यूब चैनल ‘दलित दस्तक’ पर महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के क्षेत्रीय केंद्र, कोलकाता में शोध कार्य हुआ है। केंद्र में जनसंचार विभाग की छात्रा पूजा साव ने अपने परियोजना कार्य के तहत ‘’दलित दस्तक (यू-ट्यूब चैनल) में खबरों के प्रस्तुतीकरण का विवेचन’’ विषय पर अपना शोध कार्य प्रस्तुत किया है।
कोलकाता केंद्र के प्रभारी और सहायक प्रोफेसर डॉ. सुनील कुमार ‘सुमन’ के निर्देशन में यह परियोजना कार्य सम्पन्न किया गया है। इसके अंतर्गत छात्रा ने अपने अध्यायों में मुख्य रूप से ‘दलित दस्तक’ में प्रसारित होने वाली राजनीतिक खबरों तथा जाति-धर्म व जेंडर से जुड़े मुद्दों पर प्रसारित सामग्रियों का संदर्भों सहित मूल्यांकन किया है। छात्रा पूजा साव ने ‘दलित दस्तक’ के प्रसारण संबंधी तकनीकी पक्षों पर भी अपना सोदाहरण अध्ययन-विश्लेषण प्रस्तुत किया है। इस परियोजना शोध कार्य में ‘परिशिष्ट’ के अंतर्गत चैनल के प्रधान संपादक अशोक दास का पूजा साव द्वारा लिया गया साक्षात्कार भी शामिल किया गया है तथा चैनल से जुड़ी तस्वीरें दी गई हैं।
निश्चित तौर पर यह दलित दस्तक समूह के लिए और उसके सभी पाठकों और दर्शकों के लिए बड़ी खबर है। हाल ही में सिंगापुर से प्रकाशित सबसे बड़े मीडिया संस्थान The Straits Times ने 12 अप्रैल को दलित दस्तक और इसके संपादक अशोक दास के विचारों को प्रकाशित किया था।

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।