बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से चौंकाने वाली खबर सामने आई है. खबर बीते साल नवंबर महीने में सामने आई. असल में कुछ महिने पहले जिले में वजन दिवस कार्यक्रम चलाया गया था. वजन दिवस पर तीन चरणों में अभियान चलाया गया. इस दौरान चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई. रिपोर्ट के मुताबिक इसमें जिले में 20 हजार बच्चे अतिकुपोषित मिले. जबकि लगभग 70 हजार बच्चे आंशिक कुपोषित मिले हैं. यह हाल तब है जब पूरा महकमा इसके खिलाफ जंग में जुटे होने का दावा करता है और अधिकारी गांवों को गोद लेकर उनका जिम्मा उठा रहे हैं. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के जिलों में स्वास्थ सेवाओं की कलई भी खुल गई है.
असल में उत्तर प्रदेश के 29 जिलों को कुपोषण के मामले में रेड जोन घोषित किया गया है. खबर के मुताबिक इन जिलों में दो लाख से ज्यादा बच्चे आंशिक या गंभीर रूप से कुपोषण के शिकार हैं. विश्व बैंक ने इस मामले की तुलना ब्लैक डेथ से की है. कुपोषण के कारण ही विश्व स्वास्थ संगठन यानि WHO कि रिपोर्ट के मुताबिक भारत में टी.बी से होने वाली असमय मौत के मामले भारत में सबसे अधिक है. चिंता की बात तो यह है कि इन तमाम मामलों के सामने आने के बाद भी केंद्र और राज्य सरकारों का रवैये में चिंता नहीं दिख रही है. केंद्र सरकार जहां हजारों करोड़ खर्च कर सरदार पटेल की मूर्तियां बनाने में व्यस्त थी. तो वहीं जिस दौरान यह खबर आई यूपी सरकार लगातार सरकारी विज्ञापनों पर पैसे खर्च करने और अयोध्या में दीवाली मनाने में व्यस्त थी. जबकि प्रदेश के कुपोषित बच्चों को लेकर आई रिपोर्ट पर सरकार की ओर से कोई चिंता नहीं दिखाई गई.

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