लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में किया गया था जिसकी खबर मीडिया में आने के बाद सरकार की किरकीरी हो रही है. इसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं. जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण का जिम्मा लखनऊ विकास प्राधिकरण का होता है. LDA ने इस कार्यक्रम पर एक करोड़ इक्यायासी लाख रूपये खर्च कर दिए. इस खर्च के लिए प्राधिकरण के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी शक के घेरे में है. सूत्रों के मुताबिक एलडीए के तत्कालीन उपाध्यक्ष सत्येंद्रवीर सिंह पर इस मामले मे गड़बड़ी करने का शक है.
राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद 19 मार्च को लखनऊ के स्मृति उपवन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शपथ ली थी. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत बीजेपी के दिग्गज नेता शामिल हुए थे.
शपथ ग्रहण समारोह पर खर्च ये रकम मंच, टेंट, ऑडियो सिस्टम, सुरक्षा, फ्लीट और खाने-पीने की व्यवस्था पर खर्च हुई थी. सूत्रों के मुताबिक ये रकम पहले खर्च की रकम से काफी ज्यादा है. इसके मुकाबले साल 2012 में अखिलेश यादव के शपथ ग्रहण समारोह में सिर्फ 89.9 लाख रुपये खर्च हुए थे.
शक है कि इस मामले में फर्जी बिल या फिर ज्यादा दाम पर चीजों को लिया गया है. ये मामला सामने तब आया जब लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी ने सचिवालय को शपथ ग्रहण समारोह का बिल पिछले हफ्ते भेजा. शक होने पर उसकी जांच के आदेश दिए गए हैं जिसके बाद घोटाले के आरोपी का जल्द पता लग जायेगा.

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