
उत्तर प्रदेश। बीजेपी के एक और विधायक पर नाबालिग के साथ रेप करने व जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगा. बदायूं के बिसौली से भाजपा विधायक कुशाग्र सागर पर उनकी नौकरानी की नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म का आरोप लगा है. मंगलवार को अपनी मां के साथ एसएसपी के सामने पीड़ित युवती ने आरोप लगाया कि कुशाग्र ने पहली बार उसके साथ करीब पांच साल पहले अपने ग्रीन पार्क स्थित आवास में दुष्कर्म किया था. उस वक्त युवती नाबालिग थी.
पांच सालों तक रखा चुप
पीड़िता बताती है कि पांच साल पहले रेप होने पर उसने इस बात को परिजनों से बताया था. लेकिन कुशाग्र और उनके परिवार वालों ने उसे बालिग होने पर शादी करने का झांसा देकर चुप करा दिया. साथ ही इसके बाद भी पांच साल तक कुशाग्र उसके साथ शारीरिक शोषण करते रहे. एसएसपी ने मामले की जांच सीओ नीति द्विवेदी को सौंप दी है.
बता दें कि बारादरी में रहने वाली एक महिला पूर्व विधायक योगेंद्र सागर के ग्रीन पार्क स्थित आवास पर काम करती थी. इस दौरान नौकरानी अपनी बेटी को साथ लेकर जाती थी. तभी मौका देखकर योगेंद्र के बेटे कुशाग्र सागर 2012 से नौकरानी की नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता 2014 तक खामोश रही, इस दौरान भी शारीरिक संबंध बनाए जाते रहे और कुशाग्र भी विधायक बन गए.
10 लाख व गर्भपात
आरोप यह भी है कि जब पीड़िता गर्भवती हुई तो उसका गर्भपात भी कराया गया. 15 जुलाई, 2014 को पीड़िता ने तत्कालीन एसएसपी से मामले की शिकायत की. यहां पीड़िता से लिखित समझौता हुआ और शपथपत्र लिखे जाने पर 10 लाख रुपये कुशाग्र ने पीड़ित परिवार को दिए थे.
पीड़िता का आरोप है कि 04 अप्रैल, 2018 को कुशाग्र ने उसके साथ रातभर दुष्कर्म किया. विरोध करने पर मारपीट की. उसकी मां को भी पीटा और फिर दोनों को घर से निकाल दिया गया. धमकी दी गई कि अगर इस मामले की शिकायत की तो दोनों की हत्या करा दी जाएगी. पीड़ित युवती के मुताबिक अगर विधायक के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वह आत्मदाह कर लेगी.
युवती को कभी देखा नहीं…
वहीं मामले पर बिसौली विधायक कुशाग्र सागर का कहना है, युवती को मैंने कभी देखा तक नहीं. 2014 में भी साजिशन दुष्कर्म के आरोप लगाए गए. मामला एसएसपी तक जाने के बाद सीओ से जांच कराई गई, लेकिन कोई साक्ष्य नहीं मिला. मुझे राजनीति में आगे बढ़ते देखकर यह साजिश की जा रही है.
इसे भी पढ़ें-गैंगरेप के आरोपी भाजपा विधायक पर बरसी रवीना टंडन

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।