दिल्ली। ‘जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना’ जिसके बूते आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में पढ़े लिखे दलितों का भरोसा जीता था, अब विवादों में घिर गई है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस योजना को लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया है। केजरीवाल सरकार पर 145 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगा है।
अरविंद केजरीवाल की सरकार पर आरोप है कि आम आदमी पार्टी ने दलितों का भरोसा जीतकर सत्ता हासिल की, लेकिन इसी समाज के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बनाई गई इस योजना में भ्रष्टाचार किया। आरोप है कि योजना का बजट मात्र 15 करोड़ रुपये था, लेकिन 142 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी बिलों को मंजूरी दी गई। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश के बाद इस हेराफेरी की जांच एटीएस यानी एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंप दी है।
दिल्ली सरकार के वर्तमान सामाजिक कल्याण मंत्री रविंद्र इंद्राज सिंह ने कहा कि इसमें करीब 35 इंस्टीट्यूट शामिल हैं। दिल्ली सरकार के वरिष्ठ मंत्री आशीष सूद ने बुधवार 16 जुलाई को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि-
“आम आदमी पार्टी की सरकार ने 2018 में संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर के नाम पर छात्रवृत्ति देने की एक योजना शुरू की थी। इसके अंतर्गत छात्रों को विभिन्न कोचिंग संस्थानों में प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग दिलाने की योजना बनाई थी, लेकिन जब कोविड काल में कोई छात्र कोचिंग नहीं जा रहा था, उस समय भी बच्चों को पढ़ाने के नाम पर विभिन्न कोचिंग संस्थानों को 145 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया।“
बता दें कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने साल 2018 में संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर के नाम पर छात्रवृत्ति देने की एक योजना शुरू की थी। इसका उद्देश्य एससी-एसटी समाज के युवाओं को विदेश के विश्वविद्यालयों में दाखिला होने पर आर्थिक सहायता दी जाती थी। इस योजना के बूते आम आदमी पार्टी का दलितों में जनाधार बढ़ा था, लेकिन इस नए घोटाले का आऱोप लगने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार और अरविंद केजरीवाल पर साख पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।