बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में भूख के कारण एक बुजुर्ग महिला ने दम तोड़ दिया है. महिला की तबीयत खराब थी और वह राशन लेने नहीं जा पाई थी. कई दिनों से सकीना बीमार थी और खाना भी नहीं खा रही थी. महिला की मौत के पीछे सिस्टम को जिम्मेदार बताया जा रहा है.
सकीना के पति का कहना है कि सकिना 5 दिन से बीमार चल रही थी. कई दिनों से खाना नहीं मिलने के कारण ही उनकी पत्नी की तबीयत खराब हुई थी. सकिना के पति ने आगे कहा कि मैं सरकारी वितरण केंद्र से राशन लेने गया लेकिन दुकानदार ने राशन नहीं दिया. दुकानदार ने कहा कि सकीना के फिंगरप्रिंट लेने के बाद ही राशन दिया जाएगा.
राशन न मिलने के कारण मृतक महिला के घर में खाने की किल्लत पैदा हो गई. इसी दौरान बीमार चल रही सकीना की मौत हो गई. आरोप लग रहा है कि भूख ने सकीना की जान ली है.
ये भी पढेंः शाइनिंग इंडिया में भूख और कुपोषण से मरते बच्चे!
बरेली के एसडीएम ने बताया कि मृतक महिला के नाम पर अंत्योदय कार्ड है. उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. बता दें कि अंत्योदय योजना के तहत नए राशन कार्ड जारी किए गए हैं. इस योजना के तहत परिवार की सबसे बड़ी महिला को मुखिया के तौर पर रखा गया है. योजना के तहत जन वितरण दुकान से लाभ लेने वालों को आधार से जोड़ा गया है. योगी सरकार बनने के बाद से बायोमैट्रिक मशीन पर अंगूठा लगाने के बाद ही राशन दिया जाता है.
गौरतलब है कि पिछले महीने झारखंड में भी भूख के कारण दस साल की बच्ची संतोषी की मौत हो गई थी.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।